नई दिल्ली: डीपफेक वीडियो को रोकने के लिए केंद्र सरकार अब कानून लाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विन वैष्णव ने कहा कि इस पर सख्त कानून की जरूरत है। अगले कुछ हफ्तों में कानून के ड्राफ्ट को तैयार करने की कोशिश की जाएगी। डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया कंपनियों के साथ मीटिंग के बाद उन्होंने यह बात कही।
सामाजिक खतरा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "आज सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैठक के लिए बुलाया गया था। सभी के साथ चर्चा हुई और सभी ने डीपफेक के खतरे और इसकी गंभीरता को स्वीकार किया कि ये एक बहुत बड़ा सामाजिक खतरा उभर कर आया है। हमें 4 चीजों पर मिलकर काम करना पड़ेगा।
पहली बात है कि इसकी जांच कैसे हो? दूसरी बात, इसे वायरल होने से कैसे बचाएं?तीसरी बात यह है कि कोई यूजर इसे कैसे रिपोर्ट करे और इस पर तुरंत कार्रवाई हो सके? और चौथी बात यह किइस पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सब मिलकर कैसे काम करें?
दिसंबर में होगी अगली बैठक
वैष्णव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम आज ही विनियमन का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास ‘डीपफेक’ से निपटने के लिए नए नियम होंगे। यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है।’’ मंत्री ने कहा कि ‘डीपफेक’ लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है। वैष्णव ने कहा, ‘‘ हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी। आज किए गए फैसलों पर उसमें आगे की चर्चा होगी। मसौदा विनियमन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा की जाएगी।’’
क्या है डीपफेक वीडियो
‘डीपफेक’ में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर या वीडियो में मौजूद व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को दिखा दिया जाता है। इसमें इतनी समानता होती है कि असली और नकली में अंतर करना काफी मुश्किल होता है। हाल ही में, बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया मंच पर आए। इसपर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की। इससे नकली सामग्री बनाने के लिए टेक्नोलॉजी तथा उपकरणों के दुरुपयोग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए। (इनपुट-एजेंसी)
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