Amit Shah: "ड्रग्स को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी", NCB के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोले गृहमंत्री अमित शाह
Amit Shah: अमित शाह ने NCB द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में भाग लिया और देश में नशीले पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर चर्चा की साथ ही उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों से होने वाली कमाई देश की सुरक्षा के लिए एक खतरा है। इसका उपयोग देश के खिलाफ गतिविधियों में किया जाता है।
Highlights
- NCB के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में अमित शाह ने भाग लिया
- गृहमंत्री के सामने लगभग 31000 किलोग्राम ड्रग्स जलाया गया
- समृद्ध राष्ट्र के लिए नशे को लेकर केंद्र ने अपनाया जीरो टॉलरेंस की नी
NCB द्वारा आयोजित सम्मेलन में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ड्रग्स को लेकर केंद्र सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। आज हमें इसके परिणाम भी दिख रहे हैं। स्वस्थ समाज और समृद्ध राष्ट्र के लिए यह कदम उठाना बेहद आवश्यक है। नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ‘‘नशीले पदार्थों के व्यापार से उत्पन्न होने वाली काली कमाई का उपयोग देश के खिलाफ गतिविधियों में किया जाता है।’’
समृद्ध समाज के लिए नशे को कहे "ना"
शाह ने कहा, ‘‘जब नरेंद्र मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने, तो भारत सरकार ने मादक पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई।’’ शाह ने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ तेजी से और सही दिशा में बढ़ रही लड़ाई के परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ युवा पीढ़ी पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और इसे दीमक की तरह नुकसान पहुंचाते हैं। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस संकट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों का न केवल सेवन करने वालों पर, बल्कि समाज, अर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसे पूरी तरह से खत्म करना होगा।’’ सम्मेलन के आयोजन के साथ ही NCB द्वारा दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता में लगभग 31,000 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया।
देश में नशीले पदार्थों को लेकर हुई कार्रवाई
2006-13 | 2014-22 | ||
कुल मामले | 1,257 | 3,172 | 152% ज्यादा मामले दर्ज |
कुल अरेस्ट | 1,363 | 4,888 | 260% बढ़ोतरी |
Seized ड्रग्ज (KG) | 1.52 लाख KG | 3.33 लाख KG | दुगने से भी ज्यादा |
Seized ड्रग्ज (करोड़ में) | 768 करोड़ | 20 हजार करोड़ | 25 गुना ज्यादा |
2006-13 | 2014-2022 | |
मोर्फिन की जब्ती | 71 KG | 616 |
हेरोइन की जब्ती | 1606 KG | 3899 KG |
केटामाइन की जब्ती | 216 KG | 784 KG |
क्यों जरूरी था यह सम्मेलन
- नशे को लेकर भारत सरकार की गंभीरता को देश और राज्यों के समक्ष रखना
- इस लड़ाई में राज्यों को साथ लेकर एक सिनर्जी लाना
- नारकोटिक्स से सम्बंधित सभी एजेंसीयों को एक प्लेटफार्म पर लाना
- राष्ट्रीय स्तर पर मेसेज देना कि अब इस समस्या के खिलाफ अब देश ने मन बना लिया है, और अब पूरा देश इसके जड़ में जाकर इस समस्या का समाधान करेगा
- हमें इनके पीछे के सीमा के बाहर से, जो इसे भारत में भेज रहा है, उस मास्टरमाइंड तक पहुंचना होगा...देश के अन्दर फैले हुए हाथ-पैर का नेटवर्क ध्वस्त करना होगा
गृह मंत्री अमित शाह के सामने लगभग 31000 किलोग्राम ड्रग्स जलाया गया
नष्ट किए ड्रग्स की मात्रा | अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कीमत | |
01 जून 2022 से 29 जुलाई 2022 तक | 51000 किलोग्राम | 1200 करोड़ |
30 जुलाई 2022 को | 31000 किलोग्राम | 800 करोड़ |
आज तक कुल विनिष्टीकरण | 82000 किलोग्राम | 2000 करोड़ |
15 अगस्त तक अनुमानित विनिष्टीकरण | 1 लाख किलोग्राम | 3000 करोड़ |
2019 में NCORD की स्थापना
NCORD – बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल के लिए वर्ष 2019 में चार स्तरीय NCORD मेकैनिज्म की स्थापना की गई
- शीर्ष स्तरीय एन-कॉर्ड समिति
- कार्यकारी स्तरीय एन-कॉर्ड समिति
- राज्यस्तरीय एन-कॉर्ड समिति - मुख्य सचिव की अध्यक्षता
- जिलास्तरीय एन-कॉर्ड समिति - जिलाधिकारी की अध्यक्षता में
- संयुक्त समन्वय समिति (JCC) का गठन तथा मैंडेट में विस्तार
NCB कैडर का पुनर्गठन
- 419 नए पदों का सृजन और 5 नए जोनल कार्यालयों के निर्माण का कार्य शामिल है
- विशेष इकाइयां जैसे की कानूनी सलाहकार विंग, साइबर/ आईटी और फॉरेंसिक विंग तथा ड्रग्स इंटेलिजेंस विंग की स्थापना
- अभी तक 21 राज्यों द्वारा एंटी नार्कोटिक्स टास्क फ़ोर्स का गठन किया जा चुका है। बाकि राज्य भी शीघ्र ही इस दिशा में जरुरी कदम उठाएंगे।
Drugs तथा Dark-net पर लगाम
अवैध ड्रग्स में Dark-net तथा Crypto-currency का उपयोग बढ़ रहा है। गृह मंत्रालय ने डार्कवेब और क्रिप्टो मुद्राओं पर एक टास्क फोर्स का गठन किया है, तथा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। यहाँ नार्को-ट्रैफिकिंग के उपर, एजेंसियों के बीच मादक पदार्थों की तस्करी पर इनपुट साझा किया जायेगा और सभी प्लेटफार्मों की निगरानी रखी जाएगी करने का अधिकार है।
- एनसीबी ने डार्कथान प्रतियोगिताओं की संकल्पना की है जिसके तहत भारत के युवाओं को डार्कथान संबंधी प्राब्लम स्टेटमेंट दिया गया है, जिसका उन्होंने समाधान ढूंढ निकाला है।
- ड्रग्स, डिजिटल और संबद्ध फोरेंसिक से संबंधित मामलों में सहयोग की संभावना तलाशने और उसे स्थापित करने के लिए, NCB और NFCU (राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी) के बीच एक समझौता ज्ञापन।
- अवैध ड्रग्स की खेती की रोकथाम के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल के तहत विभिन्न प्रकार के DRONES की उपयोगिता और Satellite एवं अन्य प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया तथा की एरिया मैपिंग के लिए गृह मंत्रालय, NCB और भास्कराचार्य सेण्टर द्वारा संयुक्त प्रयास किये जा रहे है।
- समुद्री मार्ग से तस्करी रोकने हेतु विशेष अभियान: नारकोटिक्स ड्रग्स की तस्करी मुख्यत समुद्री मार्ग से होती है,
- मुंबई और दिल्ली जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर एनसीबी अधिकारियों को तैनात करने के अलावा, सभी तटीय प्रवेश और निकास बिंदुओं पर समर्पित 'बंदरगाह नियंत्रण इकाइयाँ' बनाई जा रही हैं।
- नशीली दवाओं के स्रोत और गंतव्य पर काम करने के लिए पूरा ड्रग नेटवर्क चार्ट तैयार किया जा रहा है और मैपिंग भी की जा रही है।
- साइकोट्रोपिक पदार्थों की सूची नियमित रूप में अपडेट की जा रही है, लगातार उभरते हुए नए मनो-सक्रिय पदार्थों को शामिल किया जा सके।
- नार्को - कैनाइन पूल: ड्रग्स की तस्करी को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नार्को - कैनाइन पूल (Narco-Canine Pool) विकसित करने के भी निर्देश दिए।
- अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी नेटवर्क पर कारवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ उचित समन्वय बनाया गया है।