Global Hunger Index 2022: ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 की ताजा रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत सरकार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत को 107वें स्थान पर रखना देश की छवि को खराब करने जैसा है। इस रिपोर्ट से यह साफ पता चलता है कि रिपोर्ट बनाने में हर तरह से लापरवाही बरती गई है और यह दिखाता है कि ‘‘एक राष्ट्र जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है’’। केंद्र ने कहा कि इंडेक्स में जो भी डाटा मौजूद है वह बिल्कुल गलत हैं।
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने गलत रिपोर्ट पब्लिश करने को खेदजनक बताया
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2022 में यह मामला खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के समक्ष उठाया गया था कि FIES (खाद्य असुरक्षा अनुभव पैमाना) सर्वेक्षण मॉड्यूल डेटा के आधार पर इस तरह के अनुमानों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसे सांख्यिकीय निष्कर्ष गुण-दोष पर आधारित नहीं होंगे। मंत्रालय ने कहा, ‘‘हालांकि, इस बात का आश्वासन दिया जा रहा था कि इस मुद्दे पर और भी काम किया जाएगा। लेकिन, इस तरह के तथ्यात्मक मुद्दों के बावजूद ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट का प्रकाशन खेदजनक है।’’
121 देशों में 107वें नंबर पर है भारत
Image Source : IndiaTVGlobal Hunger Index
वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत की स्थिति और खराब हुई है तथा वह 121 देशों में 107वें नंबर पर है जबकि बच्चों में ‘चाइल्ड वेस्टिंग रेट’ (ऊंचाई के हिसाब से कम वजन) 19.3 प्रतिशत है जो दुनिया के किसी भी देश से सबसे अधिक है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत की छवि को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में धूमिल करने के लिए जारी प्रयास एक बार फिर दिखाई दे रहा है, जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है। गलत सूचना साझा करना वैश्विक भूख सूचकांक की पहचान बनता दिख रहा है।’’
रिपोर्ट के पैमानों को सरकार ने बताया निराधार
केंद्र ने कहा कि सूचकांक की गणना के लिए इस्तेमाल किए गए चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और ये पूरी आबादी का प्रस्तुतीकरण नहीं कर सकते। सरकार ने कहा, ‘‘चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक ‘कुपोषित आबादी का अनुपात’ (पीओयू) का अनुमान 3000 के बहुत छोटे नमूने के आकार पर किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है।’’ सरकार ने कहा कि यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत से काफी अलग तस्वीर पेश करने वाली है। वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) के जरिए वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर भूख पर नजर रखी जाती है और उसकी गणना की जाती है। 29.1 अंकों के साथ भारत में भूख का स्तर ‘‘गंभीर’’ है। भारत 2021 में 116 देशों में 101वें नंबर पर था जबकि 2020 में वह 94वें पायदान पर था।
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