राजौरी हमले पर जम्मू कश्मीर के दिग्गज नेता और DAP प्रमुख गुलाम नबी आजाद का बयान आया है। उन्होंने श्रीनगर में कहा कि पहले भी ऐसा हुआ है, मारने वालों को यह इल्म नहीं है कि गैर मुसलमान को मारने से सबसे ज़्यादा नुकसान मुसलमानों का ही होता है। कश्मीर के लाखों बच्चे हिंदुस्तान के विभिन्न हिस्सों में पढ़ते हैं ऐसे हमलों का उन पर बहुत असर पड़ता है। गौरतलब है कि राजौरी में रविवार को आतंकियों ने 3 घरों में फायरिंग कर चार हिंदुओं की हत्या कर दी थी। आतंकी चौथे घर को भी निशाना बनाने वाले थे। जैसे ही वे घर में घुसने लगे तभी बालकृष्ण ने आतंकियों पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई देखते हुए आतंकी गांव से भाग गए थे।
कांग्रेस से तोड़ा 52 साल पुराना रिश्ता
आजाद ने हाल के समय में कांग्रेस से अपना 52 साल पुराना साथ तोड़ दिया था। पार्टी आलाकमान के साथ अपने मतभेदों के बाद आजाद ने अगस्त में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और राहुल गांधी और उनकी मंडली पर निशाना साधा था। 1970 के दशक के मध्य में कांग्रेस में शामिल होने के बाद आजाद ने पार्टी और सरकार दोनों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे।
गुलाम नबी आजाद एक ओर राजौरी हमले पर अपनी बात रख रहे हैं, वहीं उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) के 17 पूर्व नेता शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए, जिनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री ताराचंद भी शामिल हैं। इन नेताओं की यह कांग्रेस में वापसी है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत किया।
बनते ही बिखर गई गुलाम नबी आजाद की पार्टी
तारा चंद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष पीरजादा मोहम्मद और 15 अन्य नेताओं ने कांग्रेस में वापसी की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आने वाले दिनों में डीएपी के कई और नेता कांग्रेस में वापसी करेंगे। आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अपनी पार्टी डीएपी की स्थापना की थी। पार्टी गठित होने कुछ हफ्ते बाद ही इसमें कलह शुरू हो गई। पिछले दिनों तारा चंद और कुछ अन्य नेताओं को डीएपी से निष्कासित कर दिया गया था।
Latest India News