Amazon के नाम पर कस्टमर्स के साथ हो रहा फ्रॉड, बिना ऑर्डर के लोगों के घरों पर पहुंच रहे पार्सल, पैसे भी वसूले जा रहे
ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म Amazon के नाम पर फ्रॉड हो रहा है। कस्टमर्स के घरों पर पार्सल पहुंच रहे हैं, जबकि कस्टमर्स ने इन्हें ऑर्डर नहीं किया होता। हैरानी की बात ये है कि ये ऑर्डर कैश ऑन डिलीवरी होते हैं, यानी अगर जागरुक कस्टमर नहीं हैं तो वह ये समझकर पेमेंट कर देते हैं कि किसी परिचित ने उनके लिए ऑर्डर किया होगा।
नोएडा: ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म Amazon के नाम पर नए तरीके का फ्रॉड हो रहा है। डिलीवरी करने वाले लोग, ऐसी डिलीवरी लेकर कस्टमर्स के घर पर पहुंच रहे हैं, जिसे कस्टमर ने ऑर्डर ही नहीं किया। जब ये डिलीवरी बॉय लोगों के घरों पर पहुंचते हैं तो कहते हैं कि किसी और ने आपके लिए कुछ ऑर्डर किया है लेकिन पैसे आपको देने होंगे क्योंकि कैश ऑन डिलीवरी वाला ऑर्डर है। ऐसे में घर पर मौजूद लोग अगर जागरूक नहीं हैं तो वह ये सोचकर पेमेंट कर देते हैं कि किसी परिचित ने उनके लिए ऑर्डर किया होगा। लेकिन जब इस पार्सल को खोला जाता है तो उसमें कोई बहुत सस्ती चीज रखी मिलती है, जबकि उसकी कीमत कस्टमर्स ज्यादा अदा कर चुका होता है।
नोएडा के सेक्टर 82 स्थित उद्योग विहार सोसाइटी का मामला
ताजा मामला नोएडा के सेक्टर 82 स्थित उद्योग विहार (LIG) सोसाइटी का है। यहां के एक फ्लैट में 30 सितंबर 2024 को दोपहर करीब 3.10 बजे एक डिलीवरी बॉय पहुंचा। इस शख्स ने फ्लैट में मौजूद महिलाओं को बताया कि आपका Amazon से पार्सल आया है। इस पार्सल पर फ्लैट में रहने वाले शख्स का नाम और पता बिल्कुल सही लिखा हुआ था। लेकिन पार्सल पर लिखी डिटेल्स में इसे भेजने वाले के नाम के अलावा कोई जानकारी नहीं थी। डिलीवरी बॉय ने बताया कि ये पार्सल कैश ऑन डिलीवरी है,यानी आपको इसकी कीमत चुकानी होगी।
फ्लैट में मौजूद महिलाओं को लगा कि किसी परिजन ने शायद कुछ ऑर्डर किया होगा। इसलिए इन महिलाओं ने डिलीवरी बॉय को पार्सल का पेमेंट कर दिया और उससे पार्सल ले लिया। शाम को जब परिवार का मुखिया घर पर आया तो पता लगा कि उसने तो कुछ ऑर्डर ही नहीं किया और पार्सल के ऊपर, भेजने वाले जिस शख्स का नाम लिखा है, उस नाम के किसी शख्स को वो जानता ही नहीं है। जब पार्सल को खोलकर देखा गया तो उसमें बमुश्किल 50 से 100 रुपए का आइटम था, जबकि उसकी कीमत 699 रुपए वसूली गई थी।
पीड़ित परिवार ने Amazon के कस्टमर केयर पर बात की तो वो लोग भी पार्सल भेजने वाली की डिटेल्स निकाल नहीं पाए और शिकायत रजिस्टर करके कहा कि 2 दिनों में आपके पास इस मामले में अपडेट आ जाएगा।
24 घंटे बाद ही फिर नोएडा के उसी घर में फ्रॉड पार्सल लेकर पहुंचा डिलीवरी बॉय
इस मामले को 24 घंटे भी नहीं बीत पाए थे कि 1 अक्तूबर को एक बार फिर इसी फ्लैट पर शाम 5.15 बजे डिलीवरी बॉय पहुंचा और कहा कि आपका पार्सल आया है, लेकिन कैश ऑन डिलीवरी है। ये वही डिलीवरी बॉय था, जो एक दिन पहले इसी तरह से कस्टमर से पेमेंट ले जा चुका था। लेकिन 1 अक्तूबर को फ्लैट में मौजूद परिवार का मुखिया घर पर मौजूद था तो उसने डिलीवरी बॉय से पूछताछ करना शुरू किया।
ऐसे में डिलीवरी बॉय हड़बड़ा गया और कहने लगा कि अगर ये आपका पार्सल नहीं है तो मैं कैंसल कर देता हूं और आगे से आपके पास पार्सल नहीं आएगा। इस दौरान डिलीवरी बॉय ने फोन पर किसी से बात भी की और उससे कहा कि कस्टमर जागरूक है, आगे से इन्हें समस्या नहीं होनी चाहिए।
जब कस्टमर को डिलीवरी बॉय की बात पर संदेह हुआ तो उसने डिलीवरी बॉय की बाइक की फोटो खींची। लेकिन कस्टमर ये देखकर दंग रह गया कि डिलीवरी बॉय की बाइक की नंबर प्लेट आधी टूटी हुई थी, जिससे उसका पता निकालना असंभव था।
कैसे पता लगा कि फ्रॉड हुआ?
तमाम संदिग्ध चीजों के सामने आने के बाद जब डिलीवरी बॉय चला गया, तो कस्टमर ने Amazon की हेल्पलाइन पर फोन करके पूरा मामला बताया। जिसके बाद Amazon ने शिकायत दर्ज करते हुए कस्टमर को बताया कि आपके साथ फ्रॉड हुआ है। दरअसल एक दिन पहले डिलीवर हुए पैकेट के 'बार कोड' से Amazon के कस्टमर केयर ऑफिसर ने फ्रॉड होने की पुष्टि की। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने यूपी के साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट दर्ज करवाई है। शिकायत का Acknowledgment Number 33110240123615 है।
ये फ्रॉड किसी भी शख्स के साथ हो सकता है, ऐसे में सभी को जागरूक रहने की जरूरत है और अगर कोई ऐसी घटना सामने आती है तो फौरन साइबर क्राइम के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाएं।