किसानों के आंदोलन का आज छठा दिन है। किसान शंभू बॉर्डर पर अड़े हुए हैं और प्रशासन द्वारा लगातार किसानों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोका जा रहा है। इस बीच चंडीगढ़ में किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत चल रही है। किसान संगठनों के 14 नेता इस बैठक में शामिल हुए हैं। इस बैठक में पीयूष गोयल, नित्यानंद राय और अर्जुन मुंडा केंद्र सरकार की तरफ से बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान और पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़िया भी इस बैठक में भाग ले रहे हैं। बता दें कि चौथे दौर की यह बैठक शुरू हो चुकी है।
'किसानों की मांग माने सरकार'
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन राउंड की बैठक चंडीगढ़ में असफल रही है। इससे पूर्व हुए बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार एमएसपी की गारंटी देने की बात पर आनाकानी कर रही है। हालांकि कुछ किसानों ने इस बाबत सोचने का वक्त मांगा लेकिन बावजूद वो इस बात पर अड़े रहे कि किसानों की कर्जमाफी की जाए और उन्हें फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी दी जाए। इससे पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार को टाल-मटोल की नीति नहीं अपनानी चाहिए।
किसानों ने क्या कहा?
उन्होंने इस बैठक से पूर्व कहा था कि आचार संहिता लागू होने से पहले किसानों की मांगे मान लेनी चाहिए। लोकसभा चुनाव की घोषणा अगले महीने हो सकती है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और कर्ज माफी पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के नेताओं के बीच बैठक जारी है। इस बीच हजारों किसान अलग-अलग मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी में डटे हुए हुए हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में किसानों को प्रवेश करने से रोकने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
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