Foreign News: अमेरिका और चीन के बीच टकराहट लगातार बढ़ रही है। चीन आने वाले समय में अमेरिका से निपटने के लिए हथियारों के साथ डिप्लोमेटिक स्तर पर भी पूरी तैयारियों में जुटा हुआ है। यूक्रेन मामले पर रूस का समर्थन करने वाला चीन वैसे ही अमेरिका की आंख में खटक रहा है। रिश्तों की ऐसी ही तल्खियों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वर्चुअल मीटिंग हुई। यह मीटिंग 2 घंटे 17 मिनट तक चली।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार देर रात चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। करीब 2 घंटे 17 मिनट चली इस बातचीत में जिनपिंग का रवैया काफी तल्ख रहा। मीडिया रिपोटर््स के अनुसार ताइवान में अमेरिकी दखलंदाजी पर चीन के राष्ट्रपति ने कड़ी नाराजगी जताई। जिनपिंग ने बाइडेन को एक तरह से सीधी धमकी दे डाली। जिनपिंग ने कहा कि ‘मैं आपसे सिर्फ इतना कहूंगा कि जो लोग आग से खेलने की कोशिश करते हैं, वो जल जाते हैं।‘ इस धमकी का सीधा अर्थ है कि दोनों देशों के बीच कटुता और बढ़ती जा रही है। चीन को यह कतई मंजूर नहीं है कि अमेरिका और बाइडेन प्रशासन ताइवान की मदद करे।
अब तक 5 बार हो चुकी है दोनों राष्ट्राध्यक्षों में बातचीत
बाइडेन और जिनपिंग ने मार्च में भी 2 घंटे तक इसी तरह वर्चुअल मीटिंग की थी। तब यूक्रेन और रूस की जंग पर बातचीत हुई थी। बाइडेन के सत्ता में आने के बाद जिनपिंग से उनकी पांच बार बातचीत हो चुकी है। हालांकि ट्रेड और ताइवान समेत किसी भी मुद्दे पर दोनों नेता किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। फिर भी व्हाइट हाउस ने गुरुवार की बातचीत के बारे में अब तक कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि दोनों एक बार फिर बातचीत कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले दोनों देशों के विदेश मंत्री बातचीत करेंगे।
क्यों है रिश्तों में ये तल्खी?
माना जा रहा है कि अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी अगले हफ्ते ताइवान के दौरे पर जा रही हैं। 25 साल बाद अमेरिका का कोई इतना बड़ा नेता ताइवान की ऑफिशियल विजिट पर जा रहा है। यह चीन के लिए साफ संकेत है कि अमेरिका अब ताइवान को अकेले नहीं छोड़ेगा और उसको हर स्तर पर मदद देगा। चीन को अमेरिका यह सख्ती पच नहीं रही है। यही कारण है कि चीन अब अमेरिका को धमकी देने पर उतारू हो गया है। गुरुवार को बाइडेन और जिनपिंग के बीच मीटिंग में चीन द्वारा धमकी देने का यही कारण है।
ताइवान ने शुरू की जंग की तैयारी
दूसरी तरफ ताइवान ने चीन के साथ युद्ध की आशंका के बीच तैयारी करना शुरू कर दिया है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद से इस बात की आशंका और तेज हो गई है कि चीन ताइवान पर कभी भी हमला कर सकता है। चीनी सेना ने भी बीते साल से ताइवान के खिलाफ अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ रहे हैं। वक्त.वक्त पर अमेरिकी अधिकारियों के ताइवान दौरे पर भी चीन अपनी नाराजगी जाहिर करता रहा है। ऐसी भी रिपोर्ट्स आईंए जिनमें चीन ने कहा कि वह सैन्य बल के जरिए भी ताइवान को मुख्य चीनी भूमि में मिला लेगा। यही वजह है कि ताइवान ने अपनी रक्षा करने के लिए अभी से तैयारी करना शुरू कर दिया है। इसके लिए बकायदा लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है। ताइवान की राजधानी ताइपे सहित कई अन्य इलाकों में लोगों को घरों के भीतर रहने और सड़कों को खाली करने का आदेश दिया गया है।
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