असम में बाढ़ ने मचाई तबाही, लाखों लोग प्रभावित, हजारों एकड़ फसल हुई बर्बाद
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल बाढ़ की वजह से राज्य में एक लाख से भी ज्यादा लोग प्रभावित हैं और अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है।
गुवाहाटी: असम में हर वर्ष बाढ़ आती है और लाखों लोग इस बाढ़ की चपेट में आते हैं। सरकार हर वर्ष बाढ़ से निपटने के लिए बेहतर प्रबंध की बात करती लेकिन जरा सी बारिश में ही उसके दावे बाढ़ के पानी में डूब जाते हैं। इस साल भी बाढ़ की वजह से राज्य के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। लाखों लोग बाढ़ की वजह से प्रभावित हैं और अब तक 7 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि बुधवार को राज्य में बाढ़ की हालात में कुछ सुधार आया है।
बाढ़ की वजह से राज्य में अबतक सात लोगों की मौत
जानकारी के अनुसार, राज्य में बुधवार को बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार आया, लेकिन इसमें एक और व्यक्ति की जान चली गयी तथा छह जिलों में करीब 83,000 लोग अब भी इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वालपारा जिले के रोंगजुली में बाढ़ के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस साल बाढ़ की वजह से राज्य में अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है।
प्राधिकरण के अनुसार, बारपेटा, कामरूप, लखीमपुर, नलबारी, सोनितपुर और उदालगुरी जिलों में 82,900 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसने बताया कि बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित बारपेटा हुआ है, जहां 60,700 लोग प्रभावित हुए हैं। प्राधिकरण के अनुसार, लखीमपुर में 18,600 से अधिक और सोनितपुर में करीब 1,400 लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। मंगलवार तक राज्य के सात जिलों में करीब एक लाख 20 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए।
बाढ़ से 1859.91 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल बर्बाद
प्राधिकरण ने एक दिन पहले कहा था कि ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर घट रहा है तथा ये नदियां अब कहीं भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही हैं। प्रशासन कामरूप जिले में एक राहत शिविर संचालित कर रहा है, जहां चार लोगों ने शरण ले रखी है। प्रशासन छह जिलों में 105 राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहा है। प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ के कारण 395 गांव जलमग्न हो गये हैं, जबकि 1859.91 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल बर्बाद हो गयी है।