नई दिल्ली : वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमिटी की आज पहली बैठक हुई। देश में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार ने इस कमिटी का गठन किया गया है। इस कमिटी ने आज अपनी पहली बैठक की और इस मुद्दे पर सुझाव देने के लिए राजनीतिक दलों और विधि आयोग को आमंत्रित करने का फैसला लिया।
अमित शाह, गुलाम नबी आजाद समेत ये लोग हुए शामिल
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के.सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष काश्यप और पूर्व सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी बैठक में मौजूद थे।
राजनीतिक दलों से मांगा सुझाव
बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि कमिटी ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों, राज्यों में सत्तारूढ़ दलों, संसद में अपना प्रतिनिधित्व रखने वाले दलों, अन्य मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों को ‘‘देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर सुझाव/राय देने के लिए’’आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। विधि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा, समिति एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर अपने सुझाव और राय के लिए विधि आयोग को भी आमंत्रित करेगी।
अधीर रंजन चौधरी बैठक में शामिल नहीं हुए
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ऑनलाइन तरीके से बैठक में शामिल हुए। बयान में कहा गया है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी बैठक में मौजूद नहीं थे। चौधरी ने हाल में गृह मंत्री शाह को लिखे एक पत्र में समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था। सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर सिफारिश करने के वास्ते दो सितंबर को आठ सदस्यीय ‘‘उच्च-स्तरीय समिति’’ गठित करने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। (इनपुट-एजेंसी)
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