उत्तराखंड के बागेश्वर में एक बार फिर से जंगलों में आग भड़क चुकी है। यहां गणखेत रेंज के वज्युला के जंगल में भीषण आग लगी है। यहां के जंगलों में चारों तरफ धुआं-धुआं नजर आ रहा है। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड के जंगलों में आग लगी है। इससे पहले भी बागेश्वर की जंगलों में आग लग चुकी है। हरे भरे जंगलों में आग लगने के कारण भारी मात्रा में वन संपदा और वन्यजीवों का नुकसान होता है।
वन संपदा का भारी नुकसान
बैजनाथ रेंज के अलग अलग जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। यह आग लगातार फैलती जा रही है। इससे वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इसी के साथ जंगली जानवरों व रिहायशी इलाकों को भी काफी क्षति पहुंच रही है। साथ ही हवा में फैल रहे धुएं के कारण वायु प्रदूषण भी देखने को मिल रहा है। बता दें कि इस बार जंगलों में लगी आग लगातार फैल रही है। इसका मुख्य कारण है ठंड के मौसम में बारिश कम होने से जंगल शुष्क बने हुए हैं।
चीड़ का पत्ता होता है ज्वलनशील
वन विभाग के अधिकारियों की माने तो यह आग शरारती तत्वों द्वारा लगाई जा रही हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीमें आग पर काबू पाने के लिए भेजी जा रही हैं। यहां के जंगलों में चीड़ के पेड़ भारी मात्रा में हैं। जानकारी के लिए बता दूं कि चीड़ के पेड़ की पत्तियां काफी ज्वलनशील होती हैं। इनमें अगर एक बार आग लग जाए तो यह आग को और भी तेजी से फैलाने का काम करता है।
पहले भी लग चुकी है आग
बता दें कि बागेश्वर के एक नहीं बल्की कई जंगलों में आग लग चुके हैं। इस कारण चारों तरफ धुंआ धुंआ दिखाई दे रहा है। बता दें कि हिमालय की सबसे ज्यादा रेंज यहीं से दिखाई देती हैं। इस कारण यहां पर्यटक और सैलानी भी भारी संख्या में पहुंचते हैं। बता दें कि इससे पहले भी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के जंगलों में आग लग चुकी है।
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