Bully Bai मोबाइल ऐप के खिलाफ FIR दर्ज, IT मंत्री ने कहा- गिटहब ने उपयोगकर्ता को ब्लॉक किया गया
कम से कम 100 प्रभावशाली मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें एक ऐप पर अपलोड किए जाने पर मचे बवाल के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि होस्टिंग प्लैटफॉर्म ‘गिटहब’ ने उपयोगकर्ता को ब्लाक करने की पुष्टि की है और भारतीय कम्प्यूटर आपदा प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी) तथा पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई के लिए समन्वय कर रहे हैं।
Highlights
- ‘बुली बाई’ ऐप डेवलपर्स और ट्विटर हैंडल के खिलाफ मामला दर्ज
- गिटहब ने उपयोगकर्ता को ब्लॉक किए जाने की पुष्टि की है: आईटी मंत्री
- राष्ट्रीय महिला आयोग ने तेजी से कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा
नयी दिल्ली/मुंबई: मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने ‘बुली बाई’ मोबाइल ऐप डेवलपर्स और ट्विटर हैंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बुली बाई (Bulli Bai) नाम से गिटहब ऐप (GitHub) पर मुस्लिम महिलाओं की विवादास्पद तस्वीरों को शेयर किया गया है, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, गिटहब ऐप पर बुली बाई नाम से अज्ञात समूह द्वारा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों व उनको नीलाम किया जा रहा है और उन्हें निशाना बनाकर परेशान किया जा रहा है। इस मामले को खुद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संज्ञान में लिया है। मुंबई साइबर पुलिस ने मुस्लिम महिलाओं की विवादास्पद तस्वीरें अपलोड करने वाले मोबाइल ऐप ‘बुली बाई’ (Bully Bai) के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
गिटहब ने उपयोगकर्ता को ब्लॉक किए जाने की पुष्टि की है: आईटी मंत्री
कम से कम 100 प्रभावशाली मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें एक ऐप पर अपलोड किए जाने पर मचे बवाल के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि होस्टिंग प्लैटफॉर्म ‘गिटहब’ ने उपयोगकर्ता को ब्लाक करने की पुष्टि की है और भारतीय कम्प्यूटर आपदा प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी) तथा पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई के लिए समन्वय कर रहे हैं। ऐप ‘बुली बाई’ पर तस्वीरें अपलोड करने की घटना पिछले वर्ष जुलाई में ‘‘सुल्ली डील्स (sullideals)’’ पर तस्वीरें अपलोड करने के समान है, दोनों ऐप एक जैसा ही काम करते हैं। ऐप को खोलने पर एक मुस्लिम महिला की तस्वीर बुली बाई के तौर पर सामने आती है। ट्विटर पर अधिक फॉलोवर वाली मुस्लिम महिलाएं जिनमें पत्रकार भी शामिल है, उन्हें चुन कर उनकी तस्वीरें अपलोड की गई हैं।
बता दें कि, पिछले वर्ष सुल्ली डील्स में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों के दुरुपयोग के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो प्राथमिकियां दर्ज की थीं। लेकिन अब तक दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ‘बुली बाई’ की ही तरह ‘सुल्ली डील्स’ को भी गिटहब प्लेटफार्म पर पेश किया गया था। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार को मुंबई पुलिस और वैष्णव दोनों को ‘बुलीबाई’ ऐप ‘फ्लैग’ किया और कार्रवाई की मांग की।
वैष्णव ने शनिवार देर रात ट्वीट किया,‘‘ गिटहब ने आज सुबह उपयोगकर्ता को ब्लाक करने की पुष्टि की। सीईआरटी और पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई के लिए समन्वय कर रहे हैं। गौरतलब है कि सीईआरटी साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए नोडल एजेंसी है। मंत्री ने हालांकि इस बात की जानकारी नहीं दी कि क्या कार्रवाई की जा रही है।
शनिवार को चतुर्वेदी ने ट्वीट किया था, ‘‘(मैंने) मुंबई पुलिस आयुक्त और पुलिस उपायुक्त (अपराध) रश्मि करांदिकर जी से बात की है। वे इसकी जांच करेंगे। (मैंने) महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से भी हस्तक्षेप करने के लिए बात की है। उम्मीद है कि इस तरह की गलत साइट के पीछे जो लोग हैं उन्हें पकड़ा जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री माननीय अश्विनी वैष्णव जी से उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का कई बार आग्रह किया जो सुल्लीडील्स जैसे प्लेटफार्म के जरिये महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। शर्म की बात है कि इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।’’
बुल्ली बाई ऐप: राष्ट्रीय महिला आयोग ने तेजी से कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा
मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘बुल्ली बाई’ ऐप पर अपलोड किए जाने पर मचे बवाल के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह के अपराध की पुनरावृत्ति नहीं हो। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं और महिला अधिकार समूहों ने इस विषय पर रोष व्यक्त किया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उस महिला पत्रकार के ट्वीट का ''संज्ञान'' लिया, जिनकी तस्वीर ऐप में उपयोग की गई। महिला पत्रकार ने इस बाबत दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा के समक्ष शिकायत दर्ज करायी है।
एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट किया, '' राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया है। (आयोग की) अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है। कार्रवाई में तेजी लायी जानी चाहिए ताकि इस तरह के अपराध की पुनरावृत्ति नहीं हो।'' महिला आयोग ने अन्य ट्वीट में कहा, '' दोनों मामलों में की गई कार्रवाई के बारे में जल्द से जल्द आयोग को सूचित किया जाए।''
ऑल इंडिया प्रोगरेसिव वुमंस एसोसिएशन ने पीड़िताओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित की और आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे ''हिंदू सर्वोच्चतावादियों'' का हाथ है। महिला अधिकार सक्रियतावादी शबनम हाशमी ने सवाल किया कि बहुसंख्यक कब तक मूकदर्शक बने रहेंगे या सभी धर्मनिरपेक्ष लोग मानसिक और शारीरिक रूप से मृत हो चुके हैं। उन्होंने कहा, ''आक्रोश कहां है? ट्विटर पर भी कई लोगों ने इस मुद्दे को उठाया है।'' कई आम लोगों ने भी सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार और पुलिस पर निशाना साधा है।
ऐप विवाद: महबूबा ने मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने की आलोचना की
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को आरोप लगाया कि कुछ स्वार्थी तत्व मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन तरीके से निशाना बना रहे थे और उन्हें 'आधिकारिक संरक्षण' प्राप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, "ताज्जुब है कि मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक गतिविधियों को अंजाम देने वाले अपराधियों को खुली छूट दी जाती है, यह स्पष्ट है कि इन स्वार्थी तत्वों को सत्ता में बैठे लोगों का संरक्षण मिला हुआ है।" (इनपुट- भाषा)