Farmer Protest: किसानों ने रविवार को पंजाब और हरियाणा के कई स्थानों पर रेल की पटरियों पर धरना दिया। यह संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का, केंद्र सरकार की ‘वादाखिलाफी’ के विरूद्ध राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों का हिस्सा है। SKM का दावा है कि केंद्र सरकार ने विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ उनके प्रदर्शन के दौरान उनसे वादे किए थे जिससे वह अब मुकर रही है। यह कानून अब रद्द किए जा चुके हैं। पंजाब में भारतीय रेलवे के फिरोज़पुर मंडल में किसानों के 4 घंटे के प्रदर्शन की वजह से कई ट्रेन को रद्द करना पड़ा या उनके समय में बदलाव करना पड़ा। इस वजह से सैकड़ों यात्रियों को विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर घंटों इंतजार करना पड़ा।
यात्रियों को हुई परेशानी
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, अमृतसर-पठानकोट, अमृतसर-कादियान, पठानकोट, वेर्का उन पांच ट्रेन में शामिल रहीं जिन्हें रद्द किया गया जबकि अमृतसर-जयनगर, अमृतसर सियालदाह, श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली, अमृतसर-नई दिल्ली और अमृतसर-अजमेर एक्सप्रेस के वक्त में बदलाव किया गया। उन्होंने बताया कि दो ट्रेन- बठिंडा-फाजिल्का और फाजिल्का-बठिंडा को उनके नीयत गंतव्य से पहले ही खत्म कर दिया गया। जम्मू में रहने वाले एक व्यक्ति ने जालंधर स्टेशन पर कहा,“ “मैं अपनी पत्नी के साथ यहां इलाज के लिए आया था। हमें आज जम्मू लौटना था। हमारी ट्रेन सुबह साढ़े 10 बजे आने वाली थी, लेकिन उसके आने में कई घंटे का विलंब हो गया है।” जंडियाला की एक महिला को माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए जम्मू जाना था, लेकिन किसानों के आंदोलन के कारण उनकी ट्रेन भी देरी से चल रही है। महिला ने कहा, “हम घंटों से ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं।"
मांगों को नहीं सुन रही केंद्र सरकार
भारतीय किसान यूनियन (भाकेयू)-कादियान के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान ने फिल्लौर रेलवे स्टेशन पर धरना प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि वे SKM के आह्वान पर धरना दे रहे हैं। SKM अलग-अलग किसान संघों का संयुक्त संगठन है। किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को नहीं सुन रही है जिस वजह से वे रेल की पटरियों पर बैठने को मजबूर हुए हैं। भाकियू (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोक्रीकलां ने कहा कि उनके संघ के सदस्यों ने 6 जिलों के 8 टोल प्लाज़ा और मुल्लानपुर में लुधियाना-फिरोज़पुर राजमार्ग समेत 10 राजमार्गों पर धरना दिया और बठिंडा, बुढलाडा, मलेरकोटला और पत्ती में रेल की पटरियों पर बैठ गए। पड़ोसी हरियाणा में किसानों ने हिसार, झज्जर, बहादुरगढ़, टोहाना, सोनीपत, जींद और करनाल समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार का पुतला जलाया और नारेबाज़ी की तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर ‘वादाखिलाफी’ का आरोप लगाया।
हिसार में 5 टोल प्लाजों पर प्रदर्शन
हिसार में किसानों ने 5 टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार का पुतला फूंका। बडोपट्टी टोल पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि पुलिस के साथ उनकी मामूली झड़प हुई क्योंकि वे केंद्र का पुतला जलाने की तैयारी कर रहे थे। भारतीय किसान सभा के नेता शमशेर नंबरदार ने आरोप लगाया कि किसानों से किए गए अधिकांश वादों से केंद्र सरकार मुकर गई है । सोनीपत में किसानों ने विरोध मार्च निकाला और केंद्र सरकार का पुतला फूंका। उन्होंने मांग की कि किसानों को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दी जाए। करनाल में भी किसानों ने टोल प्लाजा पर धरना दिया। वहीं जींद में भी किसानों ने भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। कंडेला ने कहा कि MSP गारंटी कानून बनाने के लिए गठित समिति पर किसान मोर्चा का विश्वास नहीं है, क्योंकि इसमें कृषि कानून के समर्थक सदस्य हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं और तीज उत्सव के कारण बदली योजना
हरियाणा में कई प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि पहले चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं और तीज उत्सव होने की वजह से योजना को बदल दिया गया। भाकियू (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि किसानों की मांगों में MSP के लिए कानूनी गारंटी और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में इंसाफ शामिल है। पिछले साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन के दौरान 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। मामले का मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का बेटा है। किसान मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांगों में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पिछले साल दर्ज किए गए मामलों को वापस लेना, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मुआवज़ा देना और अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को वापस लेना शामिल है।
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