पंजाब से हजारों की संख्या में किसानों का जत्था हरियाणा तक पहुंच चुका है। ट्रैक्टरों पर राशन और ईंधन लेकर किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। इस दौरान कई जगहों पर किसान संगठनों ने आज मंगलवार के लिए प्रदर्शन के सीजफायर का ऐलान कर दिया है। किसान संगठनों ने कहा कि अब सुबह एक बार फिर वो दिल्ली के लिए आगे बढ़ेंगे। किसान संगठनों ने कहा कि ये हमारे सब्र की जीत है। हमारे करीब 100 लोग जख्मी हुए लेकिन इसके बावजूद हमने सब्र रखा।
ये कोई नई मांगें नहीं हैं- किसान संगठन
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने किसानों के विरोध पर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये कोई नई मांगें नहीं हैं, ये सरकारों द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं हैं। हमने सरकार को इनके बारे में याद दिलाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। जब हम एमएसपी कानून की मांग करते हैं, तो उनकी प्रतिक्रिया अलग होती है; जब हम ऋण, छूट और स्वामीनाथन रिपोर्ट के बारे में बात करते हैं , वे सहमत नहीं हैं।
कई सुरक्षाकर्मी भी घायल
किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रैपिड एक्शन फोर्स के कई जवान घायल हो गए, उन्हें अंबाला के सिविल अस्पताल में लाया गया है। यहां की प्रधान चिकित्सा अधिकारी संगीता गोयल ने कहा है कि हमारे पास अब तक सात मामले हैं - चार हरियाणा पुलिस अधिकारी और कर्मचारी और तीन रैपिड एक्शन फोर्स से। हर कोई ठीक है, वे सचेत हैं और उनके शरीर के अंग भी ठीक हैं। हमारे डॉक्टरों की टीम 24 घंटे वहां मौजूद है।
क्या है किसानों की मांगे-:
- MSP की कानूनी गारंटी
- पेंशन सुविधा और फसल बीमा
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो
- किसानों का लोन फौरन माफ हो
- बिजली अधिनियम2020 रद्द हो
- 2020 में प्रदर्शन के दौरान दर्ज केस हटे
- लखीमपुर हिंसा के पीड़ितों को इंसाफ
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