जम्मू। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने फर्जी बंदूक लाइसेंस घोटाले के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर में 11 स्थानों पर छापे मारे। इस मामले में अभी तक ईडी की टीम ने पूछताछ के लिए दो बंदूक विक्रेताओं को गिरफ्तार किया है।
ईडी की टीम ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक साथ दबिश करते हुए 11 ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी की यह छापेमारी कश्मीर में फर्जी गन लाइसेंस के मामले में हुई है। अभी तक जारी जांच से पता चला है कि जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2016 तक 2.78 लाख गन लाइसेंस जारी किए गए हैं। यह सब बंदूक विक्रेताओं की मिलीभगत से ही संभव हो पाया है। बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो पहले से ही फर्जी गन लाइसेंस मामले की जांच कर रही है और अब ईडी ने भी प्रमुख जांच एजेंसी के साथ हाथ मिला लिया है।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली की टीमों ने 11 स्थानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की, जिसमें एक सेवारत आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के कई अधिकारी शामिल है। जिन्होंने विभिन्न 2013 और 2016 के बीच उपायुक्तों (डीसी) और अतिरिक्त उपायुक्तों (एडीसी) के रूप में कार्य किया था।
राजीव रंजन, आईएएस, पूर्व कुपवाड़ा डीसी सहित सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के आवासों पर तलाशी ली गई। इसके अलावा भी कई अन्य अधिकारियों के आवास पर तलाशी ली गई। छह हथियार डीलरों के आवासों पर भी छापेमारी की गई, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नौकरशाह बंदूक लाइसेंस घोटाले में शामिल हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो पहले से ही मामले की जांच कर रहा है और ईडी ने इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग और घोटाले के अन्य वित्तीय पहलुओं की जांच के लिए एक अलग मामला दर्ज किया है।
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