महाराष्ट्र में हड़ताल पर क्यों गए लाखों कर्मचारी? सरकार का इस मुद्दे पर क्या है रुख? जानें, हर सवाल का जवाब
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्मचारियों से अपील की कि वे हड़ताल वापस ले लें और कहा कि हम कर्मचारियों की मांगों पर विचार के लिए एक कमिटी बनाएंगे, लेकिन बात नहीं बनी।
मुंबई: महाराष्ट्र के 17 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी मंगलवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इन कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम यानी कि OPS को फिर से लागू करे, और यदि ऐसा नहीं होता है तो हड़ताल जारी रहेगी। वहीं, सरकार का कहना है कि कर्मचारियों की जो भी मांगें हैं उन्हें उचित पटल पर रखे वर्ना सरकार हड़ताल पर जाने के बाद कड़ी कार्रवाई करेगी। सरकारी कर्मचारी यूं हड़ताल पर क्यों गए? इसका क्या असर होगा? सरकार क्या कर रही है? आइए, जानते हैं:
सरकार ने की मनाने की कोशिश, लेकिन...
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को पुरानी पेंशन स्कीम पर विचार करने के लिए एक पैनल के गठन का भी ऐलान किया है। हालांकि कर्मचारी किसी भी कीमत पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा से कम पर मानने को तैयर नहीं हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्मचारियों से अपील की कि वे हड़ताल वापस ले लें। उन्होंने कहा कि हम कर्मचारियों की मांगों पर विचार के लिए एक कमिटी बनाएंगे, लेकिन बात नहीं बनी। कर्मचारी OPS पर सरकार द्वारा ऐलान से कम पर मानने के लिए राजी ही नहीं हैं।
‘...तो होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई’
महाराष्ट्र सरकार ने इस बीच कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि अगर वे हड़ताल में शामिल हुए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने कहा है कि हड़ताल में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ डिसिप्लिनरी ऐक्शन लिया जाएगा। सरकार के मुताबिक, ‘ये हड़ताल महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) के नियम 6 के प्रावधानों के अनुसार गैरकानूनी है। इसीलिए हड़ताल में हिस्सा लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी इसका ध्यान रखते हुए कि जनता को कोई तकलीफ न हो, अपना आंदोलन पीछे लें और अपनी मांगों को सही तरह से सरकार के सामने रखें।’
आम जनता को प्रभावित करेगी हड़ताल
हड़ताल में राज्य सरकार, जिला परिषदों, नगर परिषदों के कर्मचारी और राज्य सरकार के स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षक भी शामिल हुए हैं। ऐसे में SSC और HSC परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर असर पड़ने की संभावना है। स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल का हिस्सा होंगे, ऐसे में यह भी तय करना मुश्किल है कि परीक्षाओं की कॉपियां कब तक जांची जाएंगी। इसके अलावा नगर निगमों और नगरपालिकाओं के कर्मचारियों की हड़ताल का आम जनता पर भी काफी असर पड़ता दिख रहा है।
अस्पतालों में मरीजों को हो रही दिक्कत
कर्मचारियों की यह हड़ताल शिंदे-फडणवीस सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर आई है। अस्पतालों के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से अस्पतालों में मरीजों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा मुंबई के GST दफ्तर में आज काम ठप्प पड़ा है और सभी कर्मियों ने छुट्टी का ऐलान किया है। सरकारी प्रेस के कर्मचारियों द्वारा भी आंदोलन में हिस्सा लेने की खबरें हैं और वहां भी काम ठप्प पड़ा है। ऐसे में देखा जाए तो इस हड़ताल ने महाराष्ट्र में आम जनजीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त करके रख दिया है।