सिर्फ 50 दिन में 44 साल के आतंक का अंत, CM योगी ने अतीक के 1400 करोड़ के काले साम्राज्य को कर दिया ध्वस्त
अतीक अहमद के रिश्तेदार उसके और उसके परिवार के साथ किसी भी तरह के संबंध को स्वीकार करने से डरते हैं। यहां तक कि ग्रेट डेन नस्ल के उसके तीन कुते जिनमें से दो भूख के कारण मर गए और एक पशु आश्रय गृह की दया पर हैं।
प्रयागराज: माफिया डॉन अतीक अहमद की उलटी गिनती उसी समय शुरू हो गई थी जब 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हुई। पिछले 50 दिन से अतीक का पूरा परिवार भागता रहा और उसका बेटा असद झांसी में मुठभेड़ में मारा गया। प्रयागराज में माफिया डॉन की 1,400 करोड़ रुपये की धन-संपत्ति भी चली गई और उसकी कई प्रॉपर्टी को सरकार ने ध्वस्त कर दिया। अपनी मौत से एक दिन पहले, गैंगस्टर ने दावा किया था, हम तो मिट्टी में मिल गए।
24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हत्या से कानून व्यवस्था को नाकाम चुनौती देने के अतीक और उसके गुर्गों के दुस्साहस के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के माफिया को मिट्टी में मिलाने के संकल्प ने अतीक के जुर्म और जरायम के साम्राज्य तहस नहस कर दिया गया।
हवाला कंपनियों का खुलासा और गैंग का भी सफाया
सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1,400 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का पर्दाफाश कर और लगभग 50 शेल कंपनियों का पता लगाकर गैंगस्टर को गहरा झटका दिया। इन शेल कंपनियों का इस्तेमाल अतीक और उसका गिरोह जबरन की गई वसूली से अर्जित अपने काले धन को सफेद बनाने के लिए करता था।
ED की 15 टीमों ने तेज कर दी जांच
प्रयागराज में उसके मारे जाने से एक दिन पहले, कानून-व्यवस्था के लिए जिम्मदार एजेंसियों ने हथियारों के एक बड़े जखीरे का पता लगाया था जो अतीक का था। अतीक और उसके गिरोह की 1,400 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय की 15 टीमों ने भी अतीक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच तेज कर दी है और 108 करोड़ रुपये की अन्य संपत्ति का खुलासा किया है।
अतीक पर ED की छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों से 50 से ज्यादा शेल कंपनियों का खुलासा हुआ है, जो दस्तावेजों में किसी और के नाम पर हैं, लेकिन उनमें अतीक और उसके गिरोह द्वारा निवेश किया गया था।
'बर्बाद' हो गया अतीक का परिवार
ये सभी कंपनियां काले धन के व्यापार नेटवर्क में शामिल थीं। एक वकील, अतीक के अकाउंटेंट, एक रियल एस्टेट व्यवसायी, एक पूर्व बसपा विधायक, एक बिल्डर और एक कार शोरूम के मालिक भी ईडी के जाल में हैं। ये सभी अतीक के कारोबार को चलाने में धुरी का का काम कर रहे थे। अतीक अहमद पर हुई कार्रवाई ने उसके परिवार को भी 'बर्बाद' कर दिया है। उसके पांच बेटों में से एक की मौत हो चुकी है, दो जेल में हैं और दो नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में हैं। उसकी पत्नी शाइस्ता फरार है और उसके मारे गए भाई अशरफ की पत्नी भी फरार है। उसकी बहन नूरी छिपी हुई है और बहनोई अखलाक जेल में है।
अतीक से संबंध स्वीकारने में डरते हैं रिश्तेदार
उसके रिश्तेदार उसके और उसके परिवार के साथ किसी भी तरह के संबंध को स्वीकार करने से डरते हैं। यहां तक कि ग्रेट डेन नस्ल के उसके तीन कुते जिनमें से दो भूख के कारण मर गए और एक पशु आश्रय गृह की दया पर हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सरकार ने वास्तव में अतीक के साम्राज्य को नष्ट कर दिया है। यह सभी के लिए एक सबक होना चाहिए।
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योगी राज में अतीक का शासन समाप्त
बता दें कि 2017 से पहले अतीक अपने खिलाफ 100 से ज्यादा आपराधिक मामले लंबित होने के बावजूद हमेशा जमानत पाने और आजाद रहने में कामयाब रहा थे। वास्तव में पहला मामला 1979 में दर्ज किया गया था, लेकिन यूपी में कोई भी सरकार उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहरा सकी क्योंकि या तो गवाह मुकर गए या गायब हो गए। योगी सरकार ने प्रमुख गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में मजबूत अभियोजन सुनिश्चित किया, जिसके कारण पिछले महीने अतीक अहमद को आजीवन कारावास की सजा के साथ पहली बार दोषी ठहराया गया। समाजवादी पार्टी के पूर्व राजनेता-सह-गैंगस्टर का शासन योगी आदित्यनाथ के शासन में समाप्त हो गया है।