इतनी स्पीड में दौड़ा हाथी कि वन कर्मचरियों की अटक गईं सांसें, दहशत वाला है VIDEO
दहशत मचाने वाला एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक हाथी के खौफ से वन विभाग के कर्मचारी भागे जा रहे हैं। हाथी इन पर हमला करने के लिए स्पीड में दौड़ रहा है।

कर्नाटक के हासन जिले के बेलूर तालुका स्थित अरेहल्ली गांव में सोमवार को एक जंगली हाथी ने वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला कर दिया। घटना ने वहां के गांववालों और वन विभाग के कर्मचारियों में दहशत पैदा कर दी। हाथी अचानक जंगल से भटककर गांव के खेतों तक पहुंच गया था, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी उसे वापस जंगल में भेजने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे।
जंगल में लौटाने के लिए पहुंचे थे कर्मचारी
विभाग के कर्मचारियों के प्रयास के बाद आपातकालीन कार्य बल (ईटीएफ) की एक टीम भी अलर्ट पर पहुंची, ताकि स्थिति को संभाला जा सके। टीम के सदस्य प्रशांत और सुनील ने जब हाथी को जंगल की ओर लौटाने की कोशिश की, तो जंगली हाथी ने अचानक आक्रमकता दिखाते हुए उन पर हमला करने की कोशिश की। हाथी ने उन दोनों को दौड़ते हुए हमला करने की कोशिश की। ऐसे हालत में दोनों कर्मी मुश्किल से बच पाए।
वीडियो में देखा जा सकता है कि हाथी स्पीड में दोनों कर्मचारियों के पीछे दौड़ उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, वनकर्मियों और ईटीएफ की टीम की त्वरित प्रयासों ने दोनों कर्मचारियों को बाल-बाल बचाया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

हाथी के हमले, सावधानी बरतने की अपील
बीते दिनों कर्नाटक में दो दिनों में हाथियों के हमले में दो लोगों की मौत के मामले सामने आने के बाद वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री ईश्वर खांडरे ने लोगों से विभाग के सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की। मंत्री के कार्यालय ने बताया कि सोमवार को हसन जिले के बेलूर तालुक में एक युवक की एक हाथी के हमले में मौत हो गई, जबकि मंगलवार को कोलार जिले के कामसमुद्र में एक महिला की हाथी के हमले में मौत हो गई। मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए खांडरे ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा, "मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं। ये घटनाएं सुबह और शाम के समय हो रही हैं।" उन्होंने जंगल के किनारे रहने वाले लोगों से हाथियों की आवाजाही के संबंध में वन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि हाथी-मानव, वन्यजीव-मानव संघर्ष कोई नयी समस्या नहीं है, बल्कि यह वर्षों से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में कमी और वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण यह समस्या और बढ़ गई है।
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