नई दिल्ली: केंद्र सरकार की राजनीतिक दलों को चंदा देने के तरीके चुनावी बॉन्ड को लेकर आज एक बड़ा दिन है। सुप्रीम कोर्ट इसकी वैद्यता को लेकर फैसला सुनाएगा। चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने इस मामले में 2 नवंबर 2023 को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को योजना के तहत बेचे गए चुनावी बॉन्ड के संबंध में 30 सितंबर, 2023 तक डेटा जमा करने को कहा था।
ADR की तरफ से दाखिल की गई थी याचिका
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दलों को चंदा देने इस तरीके को लेकर सुनवाई कर रहा था। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की तरफ से कोर्ट में दाकिल याचिका में कहा गया था कि इस तरीके का इस्तेमाल कॉरपोरेट की ओर से किया गया। उन्होंने इसे पार्टियों को दिया है। ये लोग इसके जरिए नीतिगत फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। ADR ने याचिका में कहा कि यह तरीका अपारदर्शी है और इसे बंद किया जाना चाहिए।
संवैधानिक पीठ ने की सुनवाई
चुनावी बॉन्ड को लेकर ADR की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने की। इसमें सीजेआई के साथ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं। संविधान पीठ ने 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक पक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से दी गई दलीलों को सुना था। तीन दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 2 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अब आज इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा।
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