कर्नाटक विधानसभा के बाहर अचानक तब अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब एक ही परिवार के 8 सदस्यों ने केरोसिन डालकर खुद को जलाने की कोशिश की। शाहिस्ता बानू और मुनैद उल्लाह ने खुद को जलाने की कोशिश करने से पहले बताया कि हाउसिंग मिनिस्टर से उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं मिली। बता दें कि साल 2016 में बैंक द्वारा लिए एक लोन के सिलसिले में वो हाउसिंह मिनिस्टर से मदद चाहते थे।
क्या है पूरा मामला?
मुनैद उल्लाह ने साल 2016 में एक सहकारी बैंक से 50 लाख रुपये का कर्ज लिया था। उन्होंने यह लोन अदरक की खेती के लिए लिया था मगर फायदा होने की बजाय उन्हें भारी नुकसान हो गया। परिवार का यह भी कहना है कि तब से लेकर अब तक उन्होंने करीब 96 लाख रुपेय बैंक को चुकाए हैं। लेकिन बैंक वाले उन्हें यह कहते हुए परेशान कर रहे हैं कि इस राशि में अधिकतर हिस्सा ब्याज का है।
उन्होंने आगे बताया कि, लोन का बकाया वसूलने के लिए बैंक उनका पुश्तैनी मकान बेचने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। परिवार ने बैंक पर आरोप लगाया है कि बैंक उनका मकान 1 करोड़ 40 लाख रुपये पर बेचने में लगी हुई है जबकि मकान की कीमत 3 करोड़ से भी ज्यादा है।
पुलिस ने हिरासत में लिया
इन्हीं कारणों से यह परिवार सार्वजनिक तौर पर आत्मदाह करने के लिए विधानसभा के बाहर पहुंचा था। मगर वहां सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और हिरासत में ले लिया है।
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