मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पंजाब, दिल्ली और मध्य प्रदेश के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की है। ओएसिस ग्रुप ऑफ कंपनी से जुड़े मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के सात अलग ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है। कंपनी पर आरोप है कि फिरोजपुर की इसकी यूनिट इंडस्ट्रियल वेस्ट को बोलवेल के लिए जरिए वापस जमीन में डाल रही थी, जिससे मिट्टी और ग्राउंड वॉटर प्रदूषित हो रहा था। करीब 4 किलोमीटर के दायरे में जमीन के भीतर का पानी प्रदूषित हो गया है। इस मामले को संसद भवन के जीरो आवर में उठाया गया था।
ईडी की दिल्ली समेत कई राज्यों में छापेमारी
इसी के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने और सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड ने तहसील जिरा की इस फैक्ट्री का इंस्पेक्शन भी किया था। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले में क्रिमिनल कंप्लेन भी दर्ज की थी। बता दें कि ओफेन्सेस अंडर वॉटर एक्ट पीएमएलए 2002 के तहत केस दर्ज किया गया है जो पीएमएलए 2002 के तहत अपराध है। इसी के कारण ईडी ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है। इस फैक्ट्री के चलते हो रहे प्रदूषण को लेकर आसपास के गांव के लोगों ने लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन भी किया था और कार्रवाई की मांग की थी।
शराब बनाने के कारोबार से जुड़ी थी कंपनी
बता दें कि ये कंपनी शराब बनाने के कारोबारी से जुड़ी हुई थी। इस कंपनी के मालिक का नाम दीप मल्होत्रा और गौतम मल्होत्रा है। दीप मल्होत्रा अकाली दल से विधायक रहे हैं। गौतम उनके बेटे हैं, गौतम को दिलली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2014 से मार्च 2024 के बीच के आंकड़ों की जुलाई 2005 से लेकर मार्च 2014 त के आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि ईडी की सक्रियता में बीते 10 वर्षों में काफी तेजी आई है। बता दें कि पीएमएलए कानून को साल 2002 में बनाया गया था और इसे 1 जुलाई को लागू कर दिया गया था।
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