ED raids in West Bengal and Jharkhand:पश्चिम बंगाल में घोटालों और भ्रष्टाचार की फेहरिस्त इतनी लंबी हो चुकी है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को लगातार एक के बाद एक कार्रवाई करनी पड़ रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को भारतीय सेना की भूमि की बिक्री के लिए जाली दस्तावेजों के कथित इस्तेमाल में धनशोधन मामले की जांच के तहत झारखंड और पश्चिम बंगाल में एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय एजेंसी गिरफ्तार कारोबारी अमित अग्रवाल से जुड़े परिसरों समेत रांची और आसपास के इलाकों में करीब आठ जगहों और कोलकाता में कईं स्थानों पर छापेमारी कर रही है। उन्होंने कहा कि ईडी के संयुक्त दलों द्वारा कुछ रियल एस्टेट कारोबारियों, निजी व्यक्तियों और संबंधित संस्थाओं पर छापेमारी की जा रही है। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि अग्रवाल के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘कोलकाता के दक्षिणी हिस्से में नोनापुकुर में अग्रवाल के कार्यालय में, कारोबारी के दो करीबी सहयोगियों से यह पता लगाने के लिए एक घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई कि क्या हमारे पास इस जगह (जहां छापेमारी जारी है) के अलावा पश्चिम बंगाल में कोई अन्य संपत्ति है।
अधिकारी ने कहा कि पॉश साल्ट लेक इलाके में अग्रवाल से जुड़े एक अन्य कारोबारी के कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने आज सुबह छह बजकर 40 मिनट से छापेमारी शुरू की। अभियान अभी भी जारी है। हमारे अधिकारी अग्रवाल के कर्मचारियों से उनके कार्यालय के अंदर पूछताछ कर रहे हैं। हमारे कुछ अधिकारी अग्रवाल के अपार्टमेंट और उनके महंगे वाहन के बारे में सुराग तलाश रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि जांच झारखंड पुलिस द्वारा भारतीय सेना की भूमि की बिक्री और खरीद में जाली दस्तावेजों के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए दर्ज प्राथमिकी से उपजी है।
अग्रवाल को ईडी ने पिछले महीने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर दो जनहित याचिकाओं में एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील राजीव कुमार को ‘‘फंसाने’’ की कथित साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले का संबंध ईडी द्वारा जांच के दायरे में शामिल कथित अवैध खनन मामले से भी है, जिसमें हाल ही में सोरेन को तलब किया गया था और उनके एक सहयोगी और दो अन्य को गिरफ्तार किया था।
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