A
Hindi News भारत राष्ट्रीय VIDEO: कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि शेड्यूल्ड ट्राइब्स डेवलपमेंट निगम लिमिटेड में घोटाले में बुरे फंसे कांग्रेस विधायक, अब ED कर रही पूछताछ

VIDEO: कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि शेड्यूल्ड ट्राइब्स डेवलपमेंट निगम लिमिटेड में घोटाले में बुरे फंसे कांग्रेस विधायक, अब ED कर रही पूछताछ

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि शेड्यूल्ड ट्राइब्स डेवलपमेंट निगम लिमिटेड में घोटाले को लेकर आज कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक बी.नागेंद्र से ईडी पूछताछ कर रही है।

पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक बी.नागेंद्र- India TV Hindi Image Source : SCREENGRAB पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक बी.नागेंद्र

कर्नाटक के पूर्व शेड्यूल ट्राइबल वेलफेयर मंत्री और कांग्रेस के विधायक बी.नागेंद्र से ईडी के अधिकारी आज बेंगलुरु में अपने दफ्तर में पूछताछ कर रही है। पिछले दो दिनों से ईडी ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि शेड्यूल्ड ट्राइब्स डेवलपमेंट निगम लिमिटेड में घोटाले को लेकर नागेंद्र समेत कई और लोगों के घरों पर छापेमारी की है। फिर नागेंद्र को पूछताछ के लिए बुलाया गया।

मुझे कुछ भी नहीं पता- नागेंद्र

ईडी ऑफिस ले जाए जाते समय नागेंद्र ने संवाददाताओं से कहा,"मुझे मेरे घर से ले जाया जा रहा है। मुझे कुछ भी नहीं पता।" हालांकि, कांग्रेस विधायक को पूछताछ के लिए उनके आवास से ईडी ऑफिस ले जाया गया है। अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री नागेंद्र ने घोटाले के सिलसिले में लगे आरोपों के बाद छह जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि शेड्यूल्ड ट्राइब्स डेवलपमेंट निगम लिमिटेड में धन का अवैध ट्रांसफर का मामला तब सामने आया था जब इसके सुप्रीटेंडेंट ऑफ अकाउंट्स अधिकारी चंद्रशेखरन पी. ने 26 मई को सुसाइड कर लिया था।

ऐसे खुला था मामला

गौरतलब है कि 26 मई को वाल्मीकि बोर्ड के अधिकारी चंद्रशेखर ने अपने ही घर में आत्महत्या कर के जान दी थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें कहा था उनके विभाग के कुछ अधिकारी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी ने 87 करोड़ रुपये को गैर कानूनी तरीके से एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट को ट्रांसफर कर लिया है। मामला सामने आने के बाद सियासत शुरू हो गई और सरकार ने मामले की जांच कर्नाटक सीआईडी को सौंप दी और विपक्ष के हंगामे के बीच बी.नागेंद्र को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

बीजेपी नेता ने ईडी को लिखी थी चिट्ठी

चंद्रशेखरन ने सुसाइड नोट में निगम के निलंबित किए गए प्रबंध निदेशक जे जी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी दुरुगनवर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम शामिल किया था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि कि पूर्व मंत्री बी नागेंद्र ने धन हस्तांतरित करने के लिए मौखिक आदेश जारी किए थे। वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बैंक कर्मचारियों के घोटाले को देखते हुए सीबीआई को मामले की जांच के लिए कहा। इसके बाद कर्नाटक बीजेपी के नेता रमेश ने इस मामले को लेकर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) को एक चिट्ठी लिखी और जांच की मांग की। इस मामले में कर्नाटक सीआईडी ने नागेंद्र से एक बार पूछताछ की और 7 अन्य लोगों को हिरासत में भी लिया है। 

ये भी पढ़ें:

हाथरस भगदड़ पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, जानें क्या कारण बताया
'शाम तक हटाएं रजत शर्मा के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट', कांग्रेस नेताओं को दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त निर्देश

Latest India News