ED on PFI: पीएम मोदी पर हमले की थी प्लानिंग,पीएफआई के नापाक मंसूबों पर ईडी ने किया सनसनीखेज खुलासा, पढ़िए पूरी डिटेल
ED on PFI: ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी दी है। इसके अनुसार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने दो महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की साजिश रची थी। 12 जुलाई को उनकी पटना रैली में विस्फोट की तैयारी की थी।
ED on PFI : पॉपुलर फ्रंट ऑॅफ इंडिया PFI के देशभर के विभिन्न ठिकानों पर छापे पड़े हैं। 100 से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी बीच ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी दी है। इसके अनुसार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने दो महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की साजिश रची थी। 12 जुलाई को उनकी पटना रैली में विस्फोट की तैयारी की थी। इसके लिए पीएफआई का टेरर मॉड्यूल खतरनाक हथियारों और विस्फोटकों जुटाने में लगा हुआ था। पीएम मोदी की रैली पर हमला करने के लिए ट्रेनिंग कैंप तक का आयोजन हुआ था। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, पीएफआई ने यूपी में भी संवेदनशील जगहों और हस्तियों पर एक साथ हमले की तैयारी थी।
बरामद दस्तावेजों में ‘इंडिया 2047‘ नाम से मिली थी बुकलेट
खास बात यह है कि जुलाई के महीने में भी बिहार में पटना से पीएफआई के संदिग्धों की गिरफ्तारी की गई थी। उस समय उनसे बरामद दस्तावेजों में ‘इंडिया 2047‘ नाम से पीअफआई की बुकलेट भी थी। जिसमें भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का ‘आतंकी ब्लूप्रिंट‘ था। उस समय भी यह बात सामने आई थी कि पीएफआई अपने नापाक मंसूबों के लिए जगह जगह ट्रेनिंग कैंप भी लगा रही है। हालांकि तब बिहार पुलिस ने इस मामले को उतनी गंभीरता के साथ नहीं लिया था। पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने तो पीएफआई के ट्रेनिंग कैंपों की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस की शाखाओं से कर दी थी। इसके बाद जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने सफाई दी थी।
12 जुलाई को पीएम की रैली पर हमले के लिए लगाए थे ट्रेनिंग कैंप
ईडी यह चौंकाने वाला खुलासा गुरुवार को केरल से गिरफ्तार किए गए पीएफआई मेंबर शफीक पेयथ के रिमांड नोट बरामद करने के बाद दिया है। एजेंसी ने कहा है कि पीएफआई ने इस साल 12 जुलाई को पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान हमले के उद्देश्य से ट्रेनिंग कैंप भी लगाए थे। खास बात ये है कि अक्टूबर 2013 में पटना के ही गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में आतंकी हमला हुआ था। तब इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े जिहादी आतंकियों ने रैली में विस्फोट किया था।
आतंकी गतिविधियों के लिए महज चंद वर्षों में जुटा लिया 120 करोड़ रुपए
पीएफआई ने पिछले कुछ सालों में 120 करोड़ रुपये सिर्फ इसलिए जुटाए हैं कि वह दंगों और देशभर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके। इस फंड में ज्यादातर हिस्सा कैश में है। ईडी के पास इसका पूरा डिटेल है। एनआईए ने 11 राज्यों में छापे मारकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष समेत कई लोगों को हिरासत में लिया था। पूरे देश भर में 106 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इस ऑपरेशन के लिए गृह मंत्रालय में कमांड सेंटर बनाया गया था। 6 कंट्रोल रूम के जरिए इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी की गई। यह पूरा ऑपरेशन सुबह 1 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक चला। इस दौरान एनआईए के सभी बड़े अधिकारी मौजूद थे।
गुप्त रखी गई थी पूरी कार्रवाई
छापेमारी की इस पूरी कार्रवाई को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था। इस पूरे ऑपरेशन में एनआईए के 200 स्टाफ शामिल थे। इसका कमांड कंट्रोल सेंटर गृह मंत्रालय में था। पीएफआई से जुड़े संदिग्धों के सभी डोजियर छापे वाली टीम को दिए गए। सभी संदिग्धों की रेकी पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से की जा रही थी। छापे में 200 से अधिक मोबाइल, 100 से अधिक लैपटॉप जब्त किए गए। इसके साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज, विजन दस्तावेज, नामांकन फॉर्म, बैंक डिटेल्स भी जब्त किए गए हैं।