रांची: झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के सचिव और उसके घरेलू सहायक के परिसरों पर छापे में मिले नोटों का बंडल देखकर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के होश उड़ गए। वोटों के बंडल की गिनती के लिए 6 मशीनें मंगानी पड़ी। नोटों की गिनती करते-करते हीट (गर्मी) की वजह से दो मशीनें खराब हो गई हैं। फिलहाल नोटों की गिनती का काम जारी है। जहां से नकदी बरामद की गई है वहां कथित तौर पर झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलम के निजी सचिव संजीव लाल का एक घरेलू सहायक रहता है।
20-30 करोड़ रुपये की रकम होने का अंदेशा
वहीं मंत्री आलमगीर आलम का कहना है कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है। ईडी सूत्रों का कहना है कि यह राशि 20-30 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। बरामद की गई नकदी में मुख्य रूप से 500 रुपये के नोट हैं और कुछ आभूषण भी बरामद किए गए हैं। आलम (70) कांग्रेस नेता हैं और झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह छापेमारी ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र के.राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले से जुड़ी है।
कॉन्ट्रैक्ट देने के बदले में रिश्वत
वीरेंद्र राम को पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने पिछले साल जारी एक बयान में आरोप लगाया था, "रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के रूप में तैनात वीरेंद्र कुमार राम ने ठेकेदारों को कॉन्ट्रैक्ट देने के बदले में उनसे रिश्वत के नाम पर अवैध कमाई की थी।"
39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
एजेंसी ने अधिकारी की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। बयान में कहा गया है, "इस प्रकार अपराध से अर्जित आय का उपयोग वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा 'आलीशान' जीवनशैली जीने के लिए किया जाता था।" राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक शिकायत से जुड़ा है।
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