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Hindi News भारत राष्ट्रीय त्रिपुरा में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई इतनी तीव्रता

त्रिपुरा में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई इतनी तीव्रता

वहीं उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में भीषण भूकंप ने तबाही मचाई है। यहां अब तक 800 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा लाखों लोग जख्मी भी हुए हैं।

Earthquake- India TV Hindi Image Source : FILE त्रिपुरा में भूकंप से कांपी धरती

Earthquake: उत्तर पूर्वी राज्य त्रिपुरा में भूकंप आने का क्रम जारी है। शनिवार को भी यहां भूकंप से धरती कांप उठी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञानं केंद्र के अनुसार, दोपहर के 3:48 बजे यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए। केंद्र ने बताया कि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 दर्ज की गई। केंद्र के अनुसार, त्रिपुरा में धर्मनगर के 72 किमी उत्तर पूर्व में यह झटके महसूस किए गए। वहीं इससे पहले 24 जुलाई को भी त्रिपुरा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस दौरान रिक्टर स्केल पर 3.8 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। 

प्लेट्स के टकराने से आता है भूकंप

यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जाता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध? 

  • 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  • 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
  • 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
  • 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

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