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Hindi News भारत राष्ट्रीय उत्तराखंड के चमोली में भूकंप से हिली धरती, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता

उत्तराखंड के चमोली में भूकंप से हिली धरती, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता

Earthquake Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली में रविवार देर रात आए भूकंप के चलते फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

earthquake- India TV Hindi Image Source : FILE भूकंप

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई है। हालांकि भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं रहने के चलते कई लोगों को इसका अहसास भी नहीं सका। 

बता दें कि चमोली में इन दिनों भारी बारिश हो रही है। बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। शनिवार को भूस्खलन के बाद पहाड़ी से गिर रही चट्टानों की चपेट में आने से हैदराबाद के दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। यह घटना बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गौचर और कर्णप्रयाग के बीच स्थित चटवापीपल के पास हुई थी। दोनों दोपहिया वाहन पर सवार होकर बद्रीनाथ से लौट रहे थे, तभी यह घटना हुई। 

क्यों आता है भूकंप

दरअसल,  हमारी धरती मुख्य रूप से चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर , दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

कैसे करें बचाव?

अगर अचानक भूकंप आ जाए तो घर से बाहर खुले में निकल जाएं। यदि आप घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं। भूकंप आने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें। खुले स्थान में जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें। इसके अलावe भूकंप रोधी मकान भी उतने ही जरूरी होते हैं। यह हालांकि बहुत महंगा नहीं होता, पर इसे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी के कारण अक्‍सर लोग इसकी अनदेखी कर बैठते हैं।

 

 

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