राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के एक अध्ययन में यह आंकलन किया गया है कि साल 2011 से शुरू होकर 2025 तक स्कूलों में छात्रों के ग्रॉस एनरोलमेंट में 14 प्रतिशत से अधिक गिरावट आयेगी और लड़कों की तुलना में लड़कियों के दाखिले में 2 प्रतिशत कमी आयेगी। NCERT के शैक्षणिक सर्वेक्षण प्रकोष्ठ (ESD) के अध्ययन में कहा गया है कि अगले 5-10 सालों के दौरान अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के दाखिले में कोई बदलाव नहीं आयेगा, जबकि साल 2023-24 के बाद अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का दाखिला स्थिर हो जायेगा।
पूर्वोत्तर राज्यों के आंकड़ों में काफी उतार चढ़ाव
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दाखिला आबादी से जुड़ा होता है, ऐसे में 6-11, 11-14 और 14-16 साल के आयु वर्ग के बच्चों की आबादी में गिरावट का प्रभाव हर वर्ग में दाखिले पर दिखाई देता है। ‘‘साल 2025 तक स्कूलों में दाखिले का पूर्वानुमान और लक्षण’’ शीर्षक से रिपोर्ट में NCERT द्वारा कराये गए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) और शिक्षा पर एकीकृत जिला सूचना प्रणाली के आंकड़ों को लिया गया है। अध्ययन में 21 राज्यों के एनएएस रिपोर्ट पर विचार किया गया है और 2011 के बाद से आबादी को ध्यान में रखा गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्वोत्तर राज्यों में आंकड़ों में काफी उतार चढ़ाव देखा गया है और कुछ आंकड़े भी उपलब्ध नहीं थे।
क्या कहते हैं NCERT के आंकड़े
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2011 तक प्रारंभिक शिक्षा के स्तर तक नामांकन ऊपर की ओर गया, लेकिन 2011 के बाद से दाखिले में गिरावट आई और यह साल 2025 तक तक जारी रहेगा। इसमें कहा गया है कि साल 2011 से 2025 तक नामांकन में गिरावट की दर 14.37 प्रतिशत रहेगी और इसमें लड़कों के दाखिले में 13.28 प्रतिशत और लड़कियों के दाखिले में 15.54 प्रतिशत गिरावट आयेगी। स्टडी में कहा गया है कि उच्च प्राथमिक स्तर पर लड़के और लड़कियों के नामांकन में गिरावट साल 2016 से शुरू हुई और सकल नमांकन गिरावट 9.47 प्रतिशत रही। इसमें लड़कों के दाखिले में 8.07 प्रतिशत और लड़कियों के नामांकन में 10.94 प्रतिशत गिरावट आयी।
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