Draupadi Murmu: राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने जीत हासिल कर ली है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को बड़े मार्जिन से हराया है। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। द्रौपदी मुर्मू की इस जीत से पूरे एनडीए खेमे में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी केंद्रीय मंत्री और विपक्षी नेताओं की ओर से बधाई संदेशों की झड़ी लगी है। इस बीच मुर्मू के परिवार में भी उत्सव की तरह माहौल है। जीत के बाद उनके घर वालों ने मीडिया से बातचीत की है और खुशी जाहिर की। इस दौरान द्रौपदी मुर्मू की भाभी ने कहा कि समाज के सबसे निचले स्थान से उठकर देश के सबसे ऊंचे पद पर पहुंचना बहुत गौरव की बात है।
"समाज के सबसे निचले पायदान से सबसे ऊंचे पद पर पहुंचीं"
द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद मीडिया से बातचीत में उनकी भाभी ने कहा कि हमें उनकी जीत की बहुत खुशी है। उन्होंने कहा कि इस जीत से हमारा सीना दो गुना चौड़ा हो जाता है। उन्होंने कहा कि समाज के सबसे निचले स्थान से उठकर देश के सबसे ऊंचे पद पर पहुंचना बहुत गौरव की बात है। मुर्मू की भाभी ने आगे कहा कि आदिवासी महिलओं के लिए भी ये प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि मुर्मू ने इसके लिए बहुत संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि मुर्मू बचपन में घर के सारे काम करती थी, उन्हें घर की लिपाई-पुताई सब कुछ आती है। मुर्मू की भाभी ने बताया कि द्रौपदी खाना भी बहुत अच्छा बनाती हैं, मैंने भी उन्ही से सीखा है।
द्रौपदी मुर्मू के परिवार के बारे में जानें
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में हुआ था। मुर्मू संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था। द्रौपदी मुर्मू की शादी श्याम चरण मुर्मू से हुई थी। श्याम मुर्मू से शादी के बाद दोनों के चार बच्चे हुए। इनमें दो बेटे और दो बेटियां थीं। साल 1984 में मुर्मू की एक बेटी की मौत हो गई। इसके बाद साल 2009 में एक और 2013 में दूसरे बेटे की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई। कुछ साल बाद 2014 में मुर्मू के पति श्याम चरण मुर्मू की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। द्रौपदी मुर्मू के परिवार में अब सिर्फ एक बेटी है।
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