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Hindi News भारत राष्ट्रीय कौन हैं वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, जो संभालेंगे नौसेना की कमान; खास हुनर के लिए हैं मशहूर

कौन हैं वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, जो संभालेंगे नौसेना की कमान; खास हुनर के लिए हैं मशहूर

केंद्र सरकार ने वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी को अगला नौसेना प्रमुख नियुक्त किया है। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा करियर रहा है।

dinesh tripathi and pm modi- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO दिनेश त्रिपाठी और पीएम मोदी

नई दिल्ली: वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी इस महीने के अंत तक नए नौसेना प्रमुख का पदभार संभालेंगे। वह निवर्तमान नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार का स्थान लेंगे। एडमिरल कुमार 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे। वाइस एडमिरल त्रिपाठी अभी नौसेना के उप प्रमुख हैं। रक्षा मंत्रालय ने बताया, ‘‘सरकार ने अभी नौसेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को 30 अप्रैल की दोपहर से नौसेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया है।’’

एक जुलाई 1985 को इंडियन नेवी में हुए थे शामिल

वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं।

आईएनएस विनाश की संभाल चुके हैं कमान

उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।

खास बात यह है कि दिनेश त्रिपाठी ऐसे समय पर पद संभाल रहे हैं, जब भारतीय युद्धपोत हूती विद्रोहियों की बढ़ी हुई गतिविधियों के बीच सक्रिय है। अब तक भारतीय युद्धपोत ने ऐसी 20 घटनाओं का जवाब दिया है। इधर, तीन भी भारतीय समुद्र क्षेत्र में गतिविधियां तेज कर रहा है और पाकिस्तान के साथ मिलिभगत भी भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

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