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Hindi News भारत राष्ट्रीय चेन्नई में भूख से मर गया था बंगाल का मजदूर? तमिलनाडु के मेडिकल ऑफिसर ने बताया ‘सच’

चेन्नई में भूख से मर गया था बंगाल का मजदूर? तमिलनाडु के मेडिकल ऑफिसर ने बताया ‘सच’

तमिलनाडु में काम की तलाश में गए समर खान की तबीयत बहुत खराब हो गई थी और उसे कई दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया था। एक अक्टूबर को समर खान ने दम तोड़ दिया।

migrant worker death in chennai, bengal worker dies in Chennai- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL IMAGE मजदूर समर खान की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

चेन्नई: तमिलनाडु में पश्चिम बंगाल के समर खान नाम के एक प्रवासी मजदूर की मौत का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। पहले ऐसी खबरें आई थीं कि मजदूर की मौत भूख की वजह से हुई थी, लेकिन तमिलनाडु के एक मेडिकल ऑफिसर ने इन खबरों को नकार दिया। राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल (RGGGH) के एक सीनियर मेडिकल ऑफिसर के मुताबिक, रोजगार की तलाश में तमिलनाडु आए पश्चिम बंगाल के एक खेतिहर मजदूर की मौत भूख से नहीं, बल्कि गुर्दे में गंभीर खराबी के कारण हुई। बता दें कि इसी अस्पताल में मजदूर का इलाज हुआ था।

‘उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भर्ती हुआ था समर खान’

सीनियर मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि मजदूर निमोनिया से पीड़ित था और उसके गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने बताया कि उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टर ने बताया कि 35 साल के समर खान की एक अक्टूबर मौत हो गई और उसे उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद RGGGH में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि शायद आंत में संक्रमण और विषाक्त भोजन या पानी पीने के कारण उसे उल्टी एवं दस्त की शिकायत हुई थी। डॉक्टर ने बताया,‘मजदूर की भूख से मौत नहीं हुई, क्योंकि यहां रेलवे स्टेशन पर करीब 3-4 दिन रहने के दौरान मजदूरों ने मछली पकाई थी और उसे खाया था। खान को भर्ती होने के दौरान पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं।’

‘निमोनिया और गुर्दे की खराबी से हुई समर खान की मौत’

रेलवे पुलिस ने 16 सितंबर को सरकारी अस्पताल में जिन 5 मजदूरों को भर्ती कराया था, उनमें से खान का 7 बार ‘डायलिसिस’ हुआ और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था। मेडिकल ऑफिसर ने कहा, ‘आखिरकार निमोनिया और गुर्दे की खराबी जैसी जटिलताओं के कारण उसकी मौत हो गई।’ उन्होंने कहा कि समर खान की बॉडी को बुधवार को फ्लाइट से पूर्वी मिदनापुर जिले में उसके पैतृक स्थान पर पहुंचाया गया। रेलवे पुलिस ने सेंट्रल स्टेशन पर 5 मजदूरों को बीमार पाया था और उन्हें राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल में भर्ती कराया था। इनमें से 4 को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि समर खान की मौत हो गई।

‘काम की तलाश में पोन्नेरी तक पैदल आए थे 11 मजदूर’

रिपोर्टस के मुताबहिक, उनके साथ बचाए गए 6 अन्य मजदूरों को भी घर भेजे जाने से पहले ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के बेघरों के लिए बने सेंटर में अस्थायी रूप से रखा गया था। पुलिस ने बताया कि 11 मजदूर खेती-बाड़ी से संबंधित काम की तलाश में पोन्नेरी तक पैदल आए थे और बाद में जब उन्हें काम नहीं मिला तो वे सेंट्रल स्टेशन वापस लौट गए और बंगाल जाने का फैसाला किया। एक श्रम कल्याण अधिकारी ने कहा, ‘उन्हें इमरजेंसी की हालत में मदद के लिए सरकारी हेल्पलाइन से संपर्क करना चाहिए था या कम से कम समय पर स्टेशन पर किसी से मदद मांगनी चाहिए थी। ऐसा करने पर वे मुसीबत से बच सकते थे।’ (भाषा)

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