छतरपुर: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री काफी चर्चा में हैं। इस बीच उनकी एजुकेशन से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। दरअसल इंडिया टीवी ने धीरेंद्र के शिक्षक रहे हलीम खान और केके शुक्ला से बात की है। हलीम खान ने धीरेंद्र को 8वीं से 12वीं तक पढ़ाया और के के शुक्ला उनके 10 से 12वी तक संस्कृत के शिक्षक रहे।
धीरेंद्र के पास फीस भरने को पैसे नहीं होते थे: हलीम खान
हलीम खान ने इंडिया टीवी को बताया, 'धीरेंद्र एक बार कोई चीज सुन लेते थे तो वो उन्हें याद हो जाती थी। उनकी याददाश्त बढ़िया थी। उनके पास फीस भरने के पैसे नहीं रहते थे और वह पैदल 5 किलोमीटर आते थे। उनके पास चप्पल भी नहीं होती थीं। उनकी हालत दयनीय थी।'
हलीम खान ने बताया, 'धीरेंद्र ने संघर्ष किया, वे हमेशा सोचते-विचारते रहते थे। उनकी बुद्धि बेहद तीव्र थी। वह संस्कारी और विनम्र छात्र थे। हमें लगता था कि ये स्कूल और शहर का नाम रोशन करेंगे। वह परफेक्ट बात बोलते थे और खेल कूद में आगे थे।'
निर्धनता को टैलेंट के आगे नहीं आने दिया: केके शुक्ला
केके शुक्ला ने कहा, 'धीरेंद्र बड़े विद्वान हैं। धर्म और आध्यात्म के जानकार हैं। श्लोक और वेद सबके जानकार हैं। उन्होंने निर्धनता को टैलेंट के आगे नहीं आने दिया, इसलिए दुनिया उन्हें मानती है।'
इंग्लिश टीचर किरण सोनी ने बताई बड़ी बात
इंग्लिश टीचर किरण सोनी ने बताया कि मेरी माताजी को बता दिया था कि एडवांस स्टेज कैंसर है, जिसके बाद दिया जलाने को बोला था। अब डेढ़ साल से वो ठीक हैं।
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