नयी दिल्ली: उड्डयन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अपनी निर्धारित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को अगले साल 31 जनवरी तक निलंबित रखेगा। डीजीसीए ने कोरोना वायरस स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच एक दिसंबर को निर्णय किया था कि वह निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 15 दिसंबर से बहाल नहीं करेगा। उससे एक सप्ताह पहले ही उसने घोषणा की थी कि वह निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करेगा।
डीजीसीए ने गुरुवार को एक परिपत्र जारी करके कहा, ‘‘सक्षम प्राधिकार ने भारत से आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री सेवाओं के निलंबन को 31 जनवरी, 2022 को रात 11 बजकर 59 मिनट तक बढ़ाने का फैसला किया है।’’ इसमें कहा गया है कि यह निलंबन सभी अंतरराष्ट्रीय मालवाहक विमानों के संचालन और विशेष रूप से डीजीसीए द्वारा अनुमोदित उड़ानों पर लागू नहीं होगा। नियामक ने कहा, ‘‘निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा मामले के आधार पर चयनित मार्गों पर अनुमति दी जा सकती है।’’ एक अन्य ट्वीट में, इसने स्पष्ट किया कि मौजूदा बबल समझौतों के तहत सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 31 जनवरी तक चलती रहेंगी।
कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में 23 मार्च, 2020 से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि वंदे भारत मिशन के तहत मई 2020 से और जुलाई 2020 से चुनिंदा देशों के साथ द्विपक्षीय ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित हो रही हैं। भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस सहित लगभग 32 देशों के साथ हवाई बबल समझौते किए हैं। दो देशों के बीच एक बबल समझौते के तहत, विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें उनकी एयरलाइनों द्वारा उनके क्षेत्रों के बीच संचालित की जा सकती हैं। डीजीसीए ने पहले 26 नवंबर को घोषणा की थी कि भारत 15 दिसंबर से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें फिर से शुरू करेगा।
हालांकि, देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ी चिंता को लेकर 'जोखिम वाले देशों (यूरोप के देशों सहित यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, घाना, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, तंजानिया, हांगकांग, इज़राइल) से आने वाले यात्रियों का अनिवार्य रूप से कोविड जांच की जाती है। जांच रिपोर्ट आने तक एयरपोर्ट पर रुकना पड़ता है और निगेटिव रिपोर्ट आने पर भी सात दिनों के लिए होम क्वारंटाइन रहने का निर्देश दिया गया है। 8वें से 14वें दिन तक इन्हें अपने स्वास्थ्य पर नजर रखनी होती है।
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