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Hindi News भारत राष्ट्रीय बैन के बावजूद मकर संक्रांति पर होती है मुर्गों की लड़ाई? पशु कल्याण बोर्ड ने जारी की अडवाइजरी

बैन के बावजूद मकर संक्रांति पर होती है मुर्गों की लड़ाई? पशु कल्याण बोर्ड ने जारी की अडवाइजरी

आंध्र प्रदेश और हैदराबाद में मुर्गों की लड़ाई को रोकने के लिए PETA इंडिया ने पशु कल्याण बोर्ड से शिकायत की थी जिसके बाद यह अडवाइजरी जारी की गई है।

Cockfights, cockfights makar sankranti, PETA, PETA cockfights- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE मुर्गों की लड़ाई पर रोक के लिए AWBI ने अडवाइजरी जारी की है।

हैदराबाद: पशु कल्याण बोर्ड ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को मकर संक्रांति के दौरान मुर्गों की लड़ाई रोकने के लिए इमरजेंसी एजवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स या PETA इंडिया की एक शिकायत पर जारी की गई है। PETA ने पशु कल्याण बोर्ड से शिकायत की थी कि देश में मुर्गों की लड़ाई पर प्रतिबंध के बावजूद, अखाड़े बनाए गए हैं और मुर्गों को स्टेरॉयड और अल्कोहल दिया जा रहा है। बता दें कि देश में मुर्गों की लड़ाई पर प्रतिबंध लगा हुआ है और ऐसा करना दंडनीय अपराध है।

मुर्गों की लड़ाई पर लगा हुआ है बैन

PETA के मुताबिक, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने तुरंत आंध्र प्रदेश पशु कल्याण बोर्ड और तेलंगाना राज्य पशु कल्याण बोर्ड को एक पत्र जारी कर अधिकारियों को कानून के तहत उचित कार्रवाई करने और कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। बता दें कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11(1) (एम) (2) और (एन) के तहत मुर्गों की लड़ाई निषिद्ध है। PETA इंडिया ने भी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में राज्य पुलिस को पत्र भेजकर कार्रवाई का आग्रह किया और जब्त किए गए पक्षियों को लेने की पेशकश की।

DGP ने अफसरों से अलर्ट रहने को कहा 

आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने यूनिट ऑफिसर्स को मकर संक्रांति के दौरान मुर्गों की लड़ाई के प्रति सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं। PETA इंडिया की एडवोकेसी प्रोजेक्ट्स की निदेशक खुशबू गुप्ता ने कहा, ‘PETA इंडिया मुर्गों की लड़ाई के बारे में जानने वाले किसी भी व्यक्ति से पुलिस को इसकी रिपोर्ट करने का आग्रह करता है। पेटा इंडिया ने राज्य पुलिस को सूचित किया है कि वह किसी भी जब्त किए गए मुर्गों के लिए अभयारण्य में एक सुरक्षित स्थान खोजने के लिए तैयार है।’

‘मुर्गोें ने गलती से इंसानों की भी जान ली है’

बता दें कि लड़ाई के लिए पाले गए मुर्गों को अक्सर तंग पिंजरों में रखा जाता है और प्रैक्टिस के दौरान उन्हें यातना दी जाती है। लड़ाई में कई बार उनकी आंखें फूट जाती हैं, उनके पंख और पैर टूट सकते हैं, उनके फेफड़ों में छेद हो तक हो जाता है। कई बार लड़ाई के दौरान एक या फिर दोनों ही मुर्गों की जान तक चली जाती है। PETA ने कहा कि ऐसी भी घटनाएं सामने आई हैं जब लड़ाई के लिए ब्लेड लगाए गए मुर्गों ने गलती से इंसानों की जान ले ली है। संस्था ने कहा कि इस तरह की लड़ाई के दौरान जुएबाजी आम बात है। (IANS)

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