नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब -हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।
गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी का आरोप
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने मार्च में गुरमीत राम रहीम के खिलाफ बरगाड़ी में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप में तीन मामलों में चल रही जांच पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जांच पर लगी रोक हटा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने राम रहीम को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
हाल में मिली पैरोल
आपको बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 20 दिन की पैरोल मिली थी। पैरोल की शर्तों के अनुसार, डेरा प्रमुख किसी भी चुनाव संबंधी गतिविधि में भाग नहीं लेगा और इस अवधि के दौरान हरियाणा से बाहर रहेगा। राम रहीम रोहतक के सुनारिया जेल में बंद था। जेल से निकलने के बाद वह बागपत स्थित अपने आश्रम रवाना हो गया था।
20 साल का कारावास
अदालत ने राम रहीम को को 2017 में अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार का दोषी करार देते हुए 20 साल कारावास की सजा सुनाई थी। डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए भी 2019 में दोषी ठहराया गया था।
पैरोल की शर्तें हैं कि वह हरियाणा नहीं जाएगा, कोई सार्वजनिक भाषण नहीं देगा और इस दौरान किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा। अगर राम रहीम किसी आपत्तिजनक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है, तो उसकी पैरोल तुरंत रद्द कर दी जानी चाहिए। गौरतलब है कि अतीत में सिंह के कुछ पैरोल और फरलो पंजाब, हरियाणा और पड़ोसी राज्यों में चुनावों के साथ मेल खाते थे। उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से लगभग दो हफ्ते पहले सात फरवरी, 2022 से तीन हफ्ते की फरलो दी गई थी।
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