2000 रुपए के नोट को लेकर आरबीआई के फैसले पर आई मोदी की प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा?
30 सितंबर तक बैंक के नोट वापस RBI में जमा कराने होंगे। 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 रुपए के नोट बैंक में जमा किए जा सकेंगे। शुक्रवार शाम आए इस बड़े फैसले के बाद कांग्रेस की ओर से बड़ा रिएक्शन आया है।
New Delhi: रिजर्व बैंक के एक फैसले ने एक बार फिर नोटबंदी की याद दिला दी है। आरबीआई के फैसले के अनुसार आरबीआई 2000 रुपए के नोट वापस लेगी। 2000 रुपए के नोट की छपाई अब बंद हो रही है। 30 सितंबर तक बैंक के नोट वापस RBI में जमा कराने होंगे। 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 रुपए के नोट बैंक में जमा किए जा सकेंगे। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने 2000 रुपए के नोट पर आरबीआई के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि 'यह काले धन पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक है जिससे बचा कुचा काला धन लोगों के पास है वह बाहर निकलेगा। अगर अमेरिका 100 डॉलर के नोट से काम चला सकता है तो भारत में 2000 रुपए की आवश्यकता क्या है? नोटबंदी के दौरान सरकार ने तात्कालिक तौर पर लोगों को राहत देने के लिए 2000 रुपए के नोट को छापना शुरू किया था। इससे आम आदमी को परेशानी नहीं होगी क्योंकि उनके पास 2000 रुपए नोट नहीं है।' शुक्रवार शाम आए इस बड़े फैसले के बाद कांग्रेस की ओर से भी बड़ा रिएक्शन आया है। कांग्रेस नेता और प्रवक्ता जयराम रमेंश ने ट्वीट किया है।
अशोक गहलोत ने कहा 'वजह बताए सरकार'
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिेया में कहा कि 'आप 1000 रुपए का नोट बंद कर 2000 का नोट लाए जिससे काला धन बनाने में आसानी होती है। आपने यह बंद क्यों किया? आपकी मंशा क्या है? इनको बताना चाहिए कि हमने (सरकार) इन कारणों से 2000 रुपए के नोट को बंद करने का फैसला लिया है।'
जयराम रमेश ने किया ट्वीट, कही ये बात
अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने कहा कि 'हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की खासियत। पहले एक्ट करते हैं, फिर सोचते हैं।' रमेश ने आगे लिखा कि '8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं।'
पवर ख़ेड़ा ने किया ट्वीट, कहा 'फिर निकला नोटबंदी का जिन्न'
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी 2000 के नोट छपना बंद होने के आरबीआई के फैसले पर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि '8 नवंबर 2016 का 'जिन्न' एक बार फिर देश को डराने आ गया है। विमुद्रीकरण यानी डिमोनेटाइजेशन का पहले उठाया गया कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है। पीएम ने 2000 के नए नोटों के फायदों पर देश को दिया उपदेश, आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ?'
सरकार स्पष्ट करे अपनी मंशा, बोले पवन खेड़ा
पवन खेड़ा ने आगे लिखा कि 'सरकार को इस तरह के कदम के लिए अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए। सरकार अपने जनविरोधी और गरीब विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए है। आशा है कि मीडिया इस तरह के कठोर उपाय पर सरकार से सवाल करेगा और इसे दुनिया में 'चिप की कमी' के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएगा।
कहां गए भ्रष्टाचार खत्म होने के दावे, जानें कांग्रेस ने ट्विटर हैंडल पर क्या लिखा
आरबीआई के फैसले पर कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि 'हमेशा की तरह PM मोदी का एक और फैसला गलत साबित हुआ।
2000 के नोट अब चलन में नहीं रहेंगे। याद रहे-नोटबंदी के तानाशाही फैसले के बाद इस नोट को लाया गया था। दावा था कि इससे कालाधन खत्म हो जाएगा, भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। सारे दावे पलट गए, अब बिना सोचे-समझे लिया गया ये फैसला भी पलट गया। मोदी जी... आपसे गुजारिश है- बचकाने फैसले लेना बंद कीजिए।'
राजीव शुक्ला ने यह दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने भी 2000 रुपए के नोट पर लिए गए फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी।