Loan App: दिल्ली पुलिस की IFSO सेल ने चीनी एप के जरिए लोगों को लोन देने को लेकर एक खुलासा किया है। इस एप के माध्यम से ठग लोगों को लोन देकर उनकी पर्सनल जानकारी निकाल लेते थे। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि ये ठग पूरे देशभर में एक्टिव है। ये सभी लोगों को ऊंची दर पर लोन देते हैं फिर ये रकम जब काफी अधिक हो जाता था तो ब्लैकमेलिंग शुरू कर देते थे।
लोन देने का प्रोसेस क्या है?
आप जब किसी बैंक से लोन लेते हैं तो आपको पैन कार्ड और आधार कार्ड देने पड़ते हैं लेकिन इस चीनी ऐप में नहीं है। आप ऐप डाउनलोड करते हैं उसके कुछ मीनट बाद आपको लोन दे दिया जाता है। ये लोन काफी बड़ा नहीं होता है। लेकिन आप छोटे अमाउंट के चक्कर में क्या-क्या कर देते हैं आपको शायद मालूम भी नहीं होगा। आप जब उनके ऐप को डाउलोड़ करते हैं तो आपको कई प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। आपसे सबसे पहले आपके कॉन्टैक्ट नंबर का एक्सेस, फोटो गैलरी का एक्सेस, लोकेशन एक्सेस, और कैमरा एक्सेस मांगते हैं। इसके बाद ये ऐप आपके फोन में एक्टिव हो जाता है। फिर ठग अपना काम शुरू कर देते हैं। आपका पर्सनल डाटा जैसे फोन में सेव सारे नंबर निकाल लेते हैं। गैलरी के सारी फोटो अपने डाटा में सेव कर लेते हैं। आपका एग्जैक्ट लोकेशन और कैमरा के जरिए आपको वॉच करना शुरू कर देते हैं। पुलिस ने बताया कि किसी कस्टमर ने लोन समय से नहीं चुकाते थे तो उनके फोटो के साथ छेड़छाड़ करके धमकी दे थे। आपकी फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जाएगा। इसके साथ ही साथ ऐसे भी कई केस थे, जिन्होंने लोन चुका दिया फिर भी उनकी अश्लील फोटो बनाकर ब्लैकमेल करते थे।
दिल्ली पुलिस ने कैसे किया खुलासा
आईएफएसओं यूनिट के डीसीपी के पीएस मल्होत्रा ने बताया कि नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर लोन ऐप से ठगी की सैकड़ों शिकायत मौजूद थीं। इनके आधार पर जांच शुरू की गई। पुलिस ने कॉल डिटेल और बैंक खातों की तकनीकी जांच के बाद दिल्ली, हरियाण, कर्नाटक, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार समेत अन्य राज्यों में छापेमारी कर 22 आरोपियों को पकड़ा। पुलिस ने बताया कि लगातार इस तरह के मामले प्रकाश में आ रहे थे। इसके बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में आई। वहीं बताया कि आगे इस तरह के ठगों को पकड़ने काम जारी रहेगा। पुलिस ने आग कहा कि इस तरह के ऐप बंद करने के लिए गूगल को पत्र लिखा जाएगा। गूगल पर ऐसे लगभग 100 अधिक ऐप है जो सिर्फ जालसाजी और ठगी करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। पुलिस ने दावा कि इस तरह के जालसाज से ठग 2000-5000 करोड़ रुपये का फ्रॉड किए हैं। पुलिस ने बताया कि जिन्हें 5-10 हजार की जरुरत होती है उनसे ये ठग लाख-लाख रूपये वसुली करते थे।
चीन से जुड़े है तार
कस्टमर को तुरंत लोन दे दिया जाता है। इनके ऐप को डाउलोड करने के बाद जो कस्टमर सारी एक्सेस के परमिशन देते हैं तो उसके बाद उनके पर्सनल डाटा को चीन और हांगकांग में सर्वर पर डाउनलोड कर लेते थे। इसके बाद फिर कस्टमर की मॉर्फ अश्लील फोटो के जरिए ब्लैकमेल किया करते थे। इस तरह के ऐप अक्सर वेबसाइट और प्रचार के जरिए प्रमोट किए जाते हैं।
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