तो क्या एक डिजिटल डिवाइस बनी सिसोदिया की गिरफ्तारी की वजह, क्या है दिल्ली शराब घोटाला? जानें सबकुछ
Delhi Liquor Scam: दिल्ली शराब घोटाला मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से रविवार को आठ घंटे पूछताछ हुई जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
Delhi Liquor Scam: सीबीआई ने रविवार को दिल्ली शराब घोटाला मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से आठ घंटे तक पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। रातभर सिसोदिया सीबीआई हेड क्वार्टर में रहे और आज उनकी कोर्ट में पेशी होगी। उनकी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। सिसोदिया के खिलाफ रद्द की जा चुकी शराब बिक्री नीति लाने में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, 19 अगस्त को आबकारी विभाग में तलाशी के दौरान एक डिजिटल उपकरण जब्त किया गया था। इसकी जांच करते हुए, एजेंसी ने आबकारी नीति के मसौदे के दस्तावेजों में से एक ऐसे दस्तावेज का पता लगाया, जो उत्पाद शुल्क विभाग का हिस्सा नहीं था।
कंप्यूटर में मिला डिजिटल डिवाइस बनी गिरफ्तारी की वजह
सूत्रों ने कहा कि जब उन्होंने इस संबंध में आबकारी विभाग के एक अधिकारी से पूछताछ की, तो उन्हें सिसोदिया के कार्यालय में कंप्यूटर का सुराग मिला और उन्होंने 14 जनवरी को उपमुख्यमंत्री कार्यालय से सिस्टम को जब्त कर लिया। ऐसा दावा किया जा रहा है कि सिसोदिया के इस कंप्यूटर से मिले सुराग की वजह से ही सीबीआई ने एक पुख्ता केस तैयार किया है जो सिसोदिया के खिलाफ गिरफ्तारी का अहम सबूत बना है। सीबीआई का कहना है कि उसने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने से पहले उनके खिलाफ सबूत और गवाह दोनों तैयार कर लिए हैं। मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने और सुबूत जुटाने में एक्साइज विभाग से 19 अगस्त की छानबीन के दौरान जब्त की गई एक डिजिटल डिवाइस ने अहम भूमिका निभाई है।
सीबीआई ने बताया कि एक्साइज पॉलिसी ड्राफ्ट दस्तावेजों में से एक को एक अलग सिस्टम में ट्रेस किया, जो एक्साइज डिपार्टमेंट नेटवर्क का हिस्सा नहीं था। सूत्रों ने कहा कि सिस्टम की अधिकांश फाइलें हटा दी गई थीं, लेकिन वे सीबीआई की फोरेंसिक टीम की मदद से रिकॉर्ड हासिल करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक जांच से पता चला है कि स्कैनर के तहत दस्तावेज कहीं और से बनाया गया था और व्हाट्सएप से प्राप्त किया गया था।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अब सीबीआई 1996 बैच के दिल्ली के एक और नौकरशाह को तलब किया है जो अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली (सिविल) सेवाओं में काम कर चुके हैं और जिन्होंने मनीष सिसोदिया के सचिव के रूप में काम किया था। अब उनसे भी शराब घोटाला मामले में पूछताछ की जाएगी। बता दें कि फरवरी के पहले सप्ताह में मजिस्ट्रेट के सामने उनका बयान दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने बताया- क्यों हुई सिसोदिया की गिरफ्तारी
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान सिसोदिया से इस मसौदा दस्तावेज के बारे में पूछा गया, लेकिन उन्होंने विवरण साझा करने से इनकार कर दिया। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद कल जारी एक बयान में, केंद्रीय एजेंसी ने कहा, "उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और इसके विपरीत सबूतों के साथ सामना किए जाने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।" एजेंसी ने कहा, "इसलिए, उन्हें गिरफ्तार किया गया है।"
क्या है दिल्ली शराब घोटाला
बता दें कि 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की थी और इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं यानी कुल मिलाकर शराब की 849 दुकानें खोली जानी थी। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई पॉलिसी लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा लेकिन इससे जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। आरोप यह भी है कि इससे बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया।