फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने बीते दिन मंगलवार को ऐलान किया कि वह अपनी हड़ताल वापस ले रहा है। FORDA यह ऐलान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात करने के बाद किया। एसोसिएशन ने कहा कि वह कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या को लेकर अपनी हड़ताल वापस ले रहा है क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उनकी मांगें मान ली हैं। FORDA के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार देर रात केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की।
जल्द कमेटी का होगा गठन
एफओआरडीए ने कहा कि बुधवार सुबह से हड़ताल खत्म करने का फैसला मरीजों के हित में लिया गया है। एसोसिएशन के बयान अनुसार, "बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय सुरक्षा कानून पर काम करने के लिए FORDA की भागीदारी से एक कमेटी गठित करने पर सहमति जताई। साथ ही मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि इस पर अगले 15 दिनों के भीतर कार्य शुरू हो जाएगा।" अब स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक आधिकारिक सूचना जल्द ही आने की उम्मीद है।
दिल्ली एम्स समेत कई अस्पताल में हड़ताल
FORDA के ऐलान के बाद कई सरकारी अस्पतालों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी लेकिन दिल्ली एम्स, सफदरजंग अस्पताल, आर.एम.एल, इंदिरा गाँधी हॉस्पिटल द्वारका, पी. जी. आई. एम. एस और दीप चंद बंधु अस्पताल में यह हड़ताल जारी रहेगी। इन अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टर अभी भी हड़ताल पर ही रहेंगे। साथ ही इन अस्पतालों में आज भी ओपीडी सेवा बाधित रहेगी।
FAIMA ने की ये मांग
इधर फेडरेशन ऑफ आल इंडिया मेडिकल एसोशिएशन (FAIMA) ने भी जे पी नड्डा को एक लेटर लिखा है। लेटर में FAIMA ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मांग की है कि देश भर के सभी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक कानून बने, जिसके लिए जल्द ही एक कमेटी गठित की जाए। साथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल को कहीं ओर ट्रांसफर करने के बजाय सस्पेंड किया जाए।
क्या था मामला?
कोलकाता स्थित सरकारी आरजी कर अस्पताल के सेमीनार में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी का शव शुक्रवार सुबह बरामद किया गया। रिपोर्ट में आया था कि डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। इस सिलसिले में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। इस वीभत्स घटना के विरोध में देश भर के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर बीते सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए, जिससे ओपीडी और गैर-आपातकालीन सर्जरी सहित वैकल्पिक सेवाएं प्रभावित हुईं।
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