LAC मामले पर पहली बार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिया बयान, बोले- देर-सवेर समाधान निकलेगा
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज पहली चीन के साथ लगते बॉर्डर एलएसी पर आपसी तनाव कम करने और यथास्थिति पर बात की।
LAC पर आपसी तनाव कम करने और यथास्थिति पर आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहला बयान दिया है। उन्होंने चाणक्य डिफेंस डायलॉग के मंच पर चीन के साथ LAC पर बने तनाव पर आज बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत और चीन बॉर्डर एरिया LAC के कुछ क्षेत्रों में अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि बातचीत से समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए सहमति बन गई है।
किन मुद्दों पर बनी सहमति?
राजनाथ ने चाणक्य डिफेंस डायलॉग के मंच पर भारत और चीन के संबंधों पर बोलते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि बातचीत के बाद, समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति हासिल की गई है। राजनाथ ने कहा कि हासिल की गई सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और आसपास के पशुपालकों के पशुओं की चराई शामिल है। उन्होंने कहा कि बातचीत जारी रहने से देर-सवेर इस मुद्दे पर समाधान जरूर निकलेगा।
केंद्र सरकार ने दी थी जानकारी
बता दें कि बीते सोमवार को केंद्र सरकार ने घोषणा की कि पूर्वी लद्दाख में गश्त को लेकर एक समझौता हो गया है, जिससे 2020 में गलवान में सेनाओं के बीच झड़प के बाद शुरू हुआ 4 साल का सैन्य गतिरोध खत्म हो गया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस यात्रा से पहले हुई। बता दें कि ब्रिक्स की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत भी की।
चीन ने भी लगाई थी मुहर
इसके बाद चीन ने भी एक दिन बाद मंगलवार को पुष्टि की कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए भारत के साथ उसका समझौता हो गया है। बीजिंग ने कहा कि "रिलेवेंट मैटर" पर एक समाधान हो गया है और वह इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा।
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