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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल हुए दानिश अली, बोले- मुझ पर संसद में हमला हुआ, तब राहुल गांधी साथ खड़े रहे

'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल हुए दानिश अली, बोले- मुझ पर संसद में हमला हुआ, तब राहुल गांधी साथ खड़े रहे

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में आज 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' निकाली गई, जिसमें दानिश अली भी शामिल हुए। यात्रा को लेकर दानिश अली ने कहा कि वह इसका हिस्सा बनना अपना फर्ज समझते हैं, क्योंकि राहुल गांधी की यह पहल कमजोर लोगों को न्याय दिलाने और भारतवासियों को जोड़ने की पहल है।

'भारत जोड़ो यात्रा' से जुड़े दानिश अली - India TV Hindi Image Source : @KDANISHALI 'भारत जोड़ो यात्रा' से जुड़े दानिश अली

कांग्रेस ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के 12 महीने के बाद राष्ट्रव्यापी अभियान का दूसरा चरण 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की शुरुआत की है। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के थौबल जिले के खोंगजोम से रविवार को यात्रा शुरू हुई। बता दें कि मणिपुर पिछले साल मई से जातीय संघर्षों से घिरा हुआ है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में यात्रा निकाली गई है, जो कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली से चार्टर्ड उड़ान पर इंफाल पहुंचे। राहुल गांधी ने 1891 के एंग्लो-मणिपुर युद्ध के मारे गए नायकों के लिए खोंगजोम युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ यात्रा की शुरुआत की। वहीं, बहुजन समाज पार्टी से निलंबित लोकसभा सदस्य दानिश अली राहुल गांधी के साथ 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल हुए। 

Image Source : @KDanishAli'भारत जोड़ो यात्रा' से जुड़े दानिश अली

कार्यक्रम के मंच पर अगली कतार में बैठे थे अली

दानिश अली ने कहा कि वह इस यात्रा का हिस्सा बनना अपना फर्ज समझते हैं, क्योंकि राहुल गांधी की यह पहल कमजोर लोगों को न्याय दिलाने और भारतवासियों को जोड़ने की पहल है। दानिश अली को बीते 9 दिसंबर को बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था। वह इंफाल के निकट थोबल में आयोजित कांग्रेस के उस कार्यक्रम के मंच पर अगली कतार में बैठे थे, जहां से यात्रा आरंभ हुई। इंफाल पहुंचने के बाद दानिश अली ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "आज मैंने राहुल गांधी जी की 'भारत जोड़ो न्याय' यात्रा में शामिल होने का फैसला किया है। ये फैसला मेरे लिए एक बहुत ही अहम फैसला है। इसे मैंने बहुत सोच समझ कर लिया है।" उनका कहना था, "यह फैसला करते समय मेरे सामने दो रास्ते थे। एक यह कि मैं यथास्थिति को चलने दूं, जो स्थितियां हैं उन्हें वैसे ही स्वीकार लूं। जो अन्याय देश के दलित, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक और अन्य गरीब वर्ग के साथ हो रहा है, उसके खिलाफ कोई आवाज ना उठाऊं और दूसरा रास्ता ये था कि मैं समाज में बढ़ते अन्याय के खिलाफ संसद में आवाज उठाने के साथ-साथ सड़क पर भी संघर्ष शुरू करूं, आंदोलन करूं।" दानिश अली ने कहा, "मेरे जमीर ने कहा कि मुझे दूसरा रास्ता लेना चाहिए। " 

"भय और आतंक का माहौल बनाने की कोशिश हो रही"

लोकसभा सदस्य ने बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की ओर से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, "यह फैसला लेने का एक बड़ा कारण यह भी है कि मैं खुद इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था का भुक्तभोगी हूं। संसद के अंदर मुझ पर जो आक्रमण हुआ वो सभी ने देखा। सत्ताधारी दल ने मुझ पर आक्रमण करने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि उसे पुरस्कृत किया।" उन्होंने दावा किया कि यही हाल पूरे देश का है और भय व आतंक का माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। अली ने कहा, "जब मुझ पर संसद में आक्रमण हुआ, तब मुझे और मेरे परिवार को हौसला देने वाले राहुल गांधी जी देश के पहले नेता थे। वो उस घड़ी में मेरे साथ खड़े रहे।" 

दानिश अली ने कहा, "माननीय राहुल गांधी जी की यह यात्रा कमजोर को न्याय दिलाने की और भारतवासियों को जोड़ने की यात्रा है। यह यात्रा देश की विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ संघर्ष है। राहुल जी ने पूरे देश को जोड़ने के लिए और हर वर्ग को न्याय दिलाने के लिए यह यात्रा शुरू की है, इसलिए मैं आज राहुल जी के साथ खड़ा हूं।" उन्होंने कहा कि इस यात्रा के उद्देश्य की पूर्ति करना राजनीति और समाज सेवा से जुड़े हम सभी लोगों का असली मकसद है। साथ ही उन्होंने यात्रा की सफलता की कामना की।

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