उत्तराखंड के चमोली जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जिले के एक सुदूर गांव में एक दलित शख्स बीमार होने की वजह से मंदिर में ढोल बजाने नहीं आ पाया, तो कथित रूप से दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया। भारत-चीन सीमा के पास नीति घाटी में स्थित सुभाई गांव की स्थानीय पंचायत ने इस बहिष्कार की रविवार को घोषणा की।
बीमार होने की वजह से नहीं गया शख्स
गांव में अनुसूचित जाति के करीब छह परिवार हैं, जिनकी कई पीढ़ियां गांव में होने वाले सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सवों में ढोल बजाती रही हैं, लेकिन पुष्कर लाल नामक शख्स बीमार होने के कारण एक धार्मिक आयोजन में ढोल बजाने नहीं आ सका, जिसके बाद स्थानीय पंचायत ने पूरे समुदाय के सामाजिक बहिष्कार का आदेश दे दिया। पंचायत के एक सदस्य को एक वीडियो में कथित तौर पर बहिष्कार की घोषणा करते हुए और आदेश का पालन नहीं करने पर ग्रामीणों को इसी तरह के परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए देखा गया।
पीड़ित परिवार ने दर्ज कराई शिकायत
पंचायत के आदेश के अनुसार, अनुसूचित जाति के परिवारों को गांव में जंगल और जल संसाधनों का उपयोग करने, दुकानों से आवश्यक सामान खरीदने, वाहनों में आने-जाने और मंदिरों में जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। पीड़ित परिवारों ने जोशीमठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें रामकृष्ण खंडवाल और यशवीर सिंह नामक दो लोगों पर यह आदेश जारी करने का आरोप लगाया गया है। (भाषा)
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