DA Hike: दिवाली से पहले इस राज्य ने अपने कर्मचारियों को दी सौगात, पढ़िए कितने फीसदी डीए बढ़ाया
DA Hike:
Highlights
- 1 जुलाई 2022 से मिलेगा एरियर
- 4 प्रतिशत मिलेगा एरियर
- ऐलान मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने किया
DA Hike : दिवाली से जहां केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए कई सौगातें दी है। वहीं असम सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए दिवाली पर अच्छी सौगात दी है। जानकारी के अनुसार दिवाली से एक दिन पहले असम सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता ‘डीए‘ बढ़ाने की घोषणा की है। डीए में बढ़ी हुई दर इस साल जुलाई से लागू होगी। इस बात का ऐलान खुद मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने किया है।
1 जुलाई 2022 से मिलेगा एरियर
सरमा ने रविवार सुबह ट्विटर पर लिखा, ‘राज्य सरकार के कर्मचारियों,अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए इस महीने के वेतन के साथ देय 1 जुलाई 2022 से 4 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।‘ उन्होंने कहा कि इससे उत्सव के स्वाद में और खुशी आएगी। मुख्यमंत्री ने आगामी दीपावली की भी शुभकामनाएं दीं।
केंद्र सरकार ने हाल ही में बढ़ाया था कर्मचारियों का डीए
इससे पहले पिछले माह ही केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार के तरफ से एक बड़ा तोहफा दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की थी। इस फैसले से करीब 1.16 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा हुआ हैै।
डीए को 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी किया
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च में 1 जनवरी 2022 से प्रभावी महंगाई भत्ते डीए‘ में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। सरकार ने पेंशनभोगियों को महंगाई राहत ‘डीआर‘ की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने की भी मंजूरी दी थी।
महंगाई भत्ता क्या है
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के पारिश्रमिक का एक हिस्सा होता है। डीए का उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन पर महंगाई के प्रभाव की भरपाई करना होता है। सातवें वेतन आयोग के तहत सरकार महंगाई भत्ते को साल में दो बार संशोधित करती है. जनवरी और जुलाई में। यह भत्ता इस बात पर भी आधारित है कि कोई कर्मचारी शहरीए अर्ध.शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है या नहीं।
8वें वेतन आयोग पर सरकार का ये है रुख
महंगाई के दौर में हर कर्मचारी को राहत देने के लिए सरकार डीए में बढ़ोत्तरी करती है। वहीं देश में हर 10 साल में केंद्रीय कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव के लिए पे कमीशन का गठन किया जाता है। ये पे कमीशन कर्मचारियों के वेतन को मौजूदा माहौल के अनुरूप बनाने के लिए सिफारिशें देता है। इसी के आधार पर पहले केंद्र और फिर राज्य की सरकारें अपने यहां वेतन को रिस्ट्रक्चर करती हैं।