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हेलो! मैं आपका जीजा बोल रहा हूं, मुझे आपकी मदद चाहिए, लेकिन...

साइबर अपराध की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस और जांच एजेंसी ऐसे मामलों को रोकने का प्रयास तो करती है लेकिन तब तक अपराधी नए तरीके खोज लेते हैं और शिकार करना शुरू कर देते हैं।

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नई दिल्ली: कुछ समय पहले नेटफ्लिक्स पर जामताड़ा नामक वेब सीरीज आई। इससे लोगों ने जाना कि अपराधी साइबर क्राइम किस तरह से अंजाम देते हैं। लोगों ने जाना कि उनके पास जो हर रोज कॉल साइबर क्राइम से जुड़ी हुई कॉल आती हैं, वह कहां से और किस तरह से की जाती हैं। साइबर क्राइम को लेकर सरकार और आम जनता भी सतर्क हुई। पहले क्रेडिट और डेबिट कार्ड को लेकर ठगी होती थी। सरकार, पुलिस और लोग सावधान हुए तो इसे अंजाम देने वाले भी ठगी का नया रूप ले आये।

इसके बाद सोशल मीडिया पर आपके मित्रों और सगे संबधियों के एकाउंट हैक करके मेसेज किए जाने लगे। मैसेज आता था कि उन्हें पेसो की अत्यंत जरुरत है, आप उन्हें पैसे दे दीजिए। वह जल्द ही उन्हें लौटा देंगे। इस तरीके से देश में लाखों लोग शिकार बने। लेकिन अब यह कम हो गए। ऐसे ही ना जाने और भी कितने तरीकों से आपको ठगने की कोशिश की गई होगी। अब एक और नया तरीका शुरू हुआ है।

कॉलर आपको आपने नाम से बुलाएगा 

आपके फोन पर सामान्य नंबर से फोन आएगा और आपको आपके नाम से बुलाया जाएगा। वह आपसे आपका हालचाल पूछेगा और परिवार के बारे में भी पूछेगा। वह आपको जताने की कोशिश करेगा कि वह आपका कोई सगा संबंधी ही है। इसके बाद वह आपको बताएगा कि वह आपके मामा, मौसी, बुआ या किसी और रिश्तेदार का दामाद बोल रहा है और पूछेगा कि क्या आपने उसको पहचाना। आप कहेंगे कि नहीं पहचाना। इसके बाद आपको ताना मारेगा कि बताओ आजकल अपने लोगों को पहचान भी नहीं रहे हो।

इसके बाद आप शायद अपराधबोध में आकर कह हो दो कि हां पहचान लिया। बस अब आप उसके जाल में फंस चुके हो। अब तक वह अपना जाल पूरी तरह से बिछा चुका है। अब वह अपना अगला दांव खेलता है। वह आपसे कुछ पैसों की मांग करता है और कहता है कि वह उसे शाम या कल तक वापस कर देगा। अब शायद आपके मन में यह ख्याल आये कि जब वह इतनी सारी जानकारी दे रहा है तो शायद वह आपका कोई रिश्तेदार ही होगा और शायद आप उसको पैसे भेज दें।

कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के बरेली में रहने वाले एक शख्स के साथ। शिवम (बदला हुआ नाम) बताया कि बुधवार सुबह लगभग 10 बजे उसे 7842796552 नंबर से फ़ोन आता है। वह सीधे उसका नाम लेकर हेलो करता है और पूछता है कि उसने उसे पहचाना? जवाब में वह मना कर देता है। इसके बाद वह कहता है कि वह उसकी मामा की बेटी (राशि) का पति बोल रहा है। शिवम् बताते हैं कि वह उन्हें अब भी नहीं पहचान पाता है लेकिन फिर भी पहचानते हुए नमस्ते करता है। फिर वो उसका और उसके परिवार का हालचाल पूछता है।

इसके बाद बात कर रहा शख्स कहता है कि उसने उसे कुछ काम के लिए फोन किया था। शिवम् कहता है कि बताइए वह क्या मदद कर सकता है। शख्स कहता है कि क्या वह फोन-पे या पेटीएम चलाता है? उसे 2 हजार रुपए की जरुरत है और वह उसे शाम तक वापस कर देगा। इस पर शिवम को शक होता है और वह पैसे ना होने का बहाना देकर फोन काट देता है। इसके बाद वह अपने घर पता करता है कि क्या ऐसी पहचान वाला कोई शख्स उसका कोई रिश्तेदार है? तब उसे मालूम पड़ता है कि वह अभी अपराधियों के शिकार से बचा है। 

ऐसे अपराधों से कैसे बचें?

बता दें कि भारत में हर रोज हजारों की संख्या में साइबर क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है। पुलिस ऐसे अपराधियों को काबू में करने एक लिए तमाम कोशिशें करती है लेकिन इस पर लगाम नहीं लग पा रही है। अपराध को अंजाम देने के तरीके हर रोज बदल रहे हैं। पुलिस जब तक एक तरीका के बारे में जान पाती है तब तक अपराधी कई और तरीके ईजाद कर देते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इनसे कैसे बचा जाए? साइबर क्राइम से बचने का एकमात्र तरीका सावधानी बरतना है। आप जितना अधिक सावधान रहेंगे, शिकार होने से बचे रहेंगे। अगर इसके बाद भी अगर आप शिकार हो जाते हैं तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें और पूरी जानकारी उन्हें दें। 

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