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Hindi News भारत राष्ट्रीय पंबन ब्रिज की जांच में मिली कई कमियां, जानें इस पुल की क्या है खासियत, क्यों है लोगों को इसका इंतजार

पंबन ब्रिज की जांच में मिली कई कमियां, जानें इस पुल की क्या है खासियत, क्यों है लोगों को इसका इंतजार

रामेश्वरम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंबन ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है। लेकिन इस बीच दक्षिण जोन के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने पुल के निरीक्षण में कमियां पाई हैं। इस मामले पर जांच के लिए रेलवे द्वारा अब हाईलेवल कमेटी का गठन किया गया है।

CRS raises questions on Pamban Bridge know its specifications- India TV Hindi Image Source : PTI पंबन ब्रिज

समंदर पर बन रहा पंबन ब्रिज बनककर तैयार हो चुका है। भारतीय रेलवे द्वारा इसका ट्रायल भी पूरा कर लिया गया है। ब्रिज से ट्रेनों को चलाने की तैयारी पूरी कर ली गई थी। लेकिन इस बीच कमिश्ननर रेलवे ने ब्रिज के सेफ्टी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। रेलवे कमिश्नर के सवालों के बाद अब रेलवे ने हाईलेवल कमेटी का गठन किया है। रामेश्वरम और पंबन द्वीप को जोड़ने के लिए बनाए गए पंबन ब्रिज को लेकर दक्षिण जोन के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने अपनी जांच में कई कमियां पाईं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इन कमियों का जिक्र करते हुए रेल मंत्रालय को यह रिपोर्ट भेजी। 

रेल मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में इन किमयों का किया गया जिक्र

- नए पंबन ब्रिज की प्लानिंग गलत थी। आरडीएसओ का स्टैंडर्ड डिजाइन इसमें नहीं रखा गया था।
- नए पंबन ब्रिज का स्पेसिफिकेशन इंटरनेशनल है ना कि आरडीएसओ का है।
- नए पंबन ब्रिज की डिजाइन और निर्माण के एग्जिक्यूशन में आरडीएसओ को इनवॉल्व नहीं किया गया।

रामेश्वरम जाने वाले श्रद्धालुओं के मिलेगा लाभ

बता दें कि रामेश्वरम जाने के लिए श्रद्धालुओं को मंडपम से बस या टैक्सी द्वारा रामेश्वरम पहुंचना पड़ता है। इसमें काफी समय लगता है। रामेश्वरम आईलैंड जाने के लिए केवल एक ही ब्रिज है। इस वजह से इसमें जाम लगता है। पंबन ब्रिज के बन जाने से और इसके शुरू हो जाने से श्रद्धालु सीधा ट्रेन के जरिए ही रामेश्वर पहुंच सकेंगे। इससे उनकी यात्रा में सहूलियत होगी और उनका समय बचेगा। इसलिए श्रद्धालु भी इस ब्रिज के शुरू होने का काफी समय से इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि साल 2019 में इस ब्रिज की आधारशिला पीएम नरेंद्र मोदी ने रखी थी। 

क्या है ब्रिज की खासियत?

बता दें कि पंबन ब्रिज वर्टिकल खुलने वाला देश का पहला ब्रिज है। इस ब्रिज की कुल लंबाई 2.05 किमी है। पुराने पुल की तुलना में नया पुल तीन मीटर ऊंचा और समुद्र तल से 22 मीटर ऊंचा है। पुल की स्ट्रक्चर डबल लाइनों के लिए बनाया गया है। दोनों ओर से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। इस लिहाज से भी यह देश का पहला ब्रिज है, जिससे ट्रेन स्पीड से दोड़ सकेगी। जिससे ट्रेन 80 किमी की स्पीड से दौड़ सकेगी। पुराने ब्रिज पर ट्रेन की रफ्तार 10 किमी प्रतिघंटा थी। 

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