"हमारे घर जल रहे थे, तब कहां थे?", मंत्रीजी को देखते ही भीड़ का फूटा गुस्सा- देखें VIDEO
मंत्री टिंकू रॉय ने धलाई जिले के हिंसाग्रस्त गंडाट्विजा इलाके का दौरा किया। इस दौरान उन्हें गुस्साई भीड़ की नाराजगी झेलनी पड़ी। दो गुटों की झड़प में घायल 19 वर्षीय युवक की मौत के बाद 12 जुलाई को हिंसा भड़क गई थी।
त्रिपुरा के मंत्री टिंकू रॉय के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने सोमवार को धलाई जिले के हिंसाग्रस्त गंडाट्विजा इलाके का दौरा किया। यहां उन्हें उन लोगों की नाराजगी का सामाना करना पड़ा, जिनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। दो गुटों की झड़प में घायल 19 वर्षीय युवक की मौत के बाद 12 जुलाई को हिंसा भड़क गई थी।
मंत्री के दौरे के दौरान प्रभावित ग्रामीणों ने गंडाट्विजा के उप जिलाधिकारी (SDM) के कार्यालय में कथित तौर पर तोड़फोड़ की और आरोप लगाया कि 12 जुलाई को जब भीड़ ने उनके घरों पर हमला किया, तब पुलिस और स्थानीय प्रशासन निष्क्रिय रहा। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि एक नाराज युवक मंत्री से कह रहा है कि आगजनी के कारण क्षेत्र में 11 शादियों को रद्द करना पड़ा। त्रिपुरा के समाज कल्याण मंत्री रॉय ने आक्रोशित ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सरकार सभी प्रभावित परिवारों को मुआवजा देगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएगी।
"पुलिस और प्रशासन निष्क्रिय रहा"
एक अधिकारी ने बताया, "जब टीम इलाके में पहुंची तो स्थानीय लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया और आरोप लगाया कि 12 जुलाई को जब उनके घरों में आगजनी की गई तो पुलिस और प्रशासन निष्क्रिय रहा।" टीम में बीजेपी की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष सुबल भौमिक और रेबती त्रिपुरा और विधायक रामपदा जमातिया बतौर सदस्य शामिल थे। ग्रामीणों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने दावा किया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, "जिनके घरों में आगजनी की गई और उनका सामान बर्बाद हो गया उन्होंने अपनी शिकायतें शेयर की। मुख्यमंत्री ने हमें भेजा है। हमने उनकी समस्याएं सुनी हैं। सरकार अगले दो दिनों में मुआवजे का 25 प्रतिशत जारी करेगी। हम इलाके में सामान्य स्थिति लाने के लिए कदम उठाएंगे।"
आगजनी में 300 लोगों के घर जले
अधिकारियों ने बताया कि तीन दिन पहले हुई आगजनी में करीब 300 लोगों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया और वे अब भी अपने घरों को नहीं लौटे हैं। अधिकारियों ने बताया कि गंडाट्विजा गांव में आगजनी से प्रभावित ग्रमीणों ने 12 जुलाई से ही राज्य की राजधानी अगरतला से करीब 110 किलोमीटर दूर राहत शिविरों में शरण ले रखी है। उन्होंने बताया कि धलाई जिले के जिलाधिकारी साजू वाहिद ने रविवार को प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा एवं मुआवजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिलाया।
उप जिलाधिकारी (एसडीएम) चंद्रजॉय रियांग ने टेलीफोन पर बताया, "हमलावरों द्वारा कम से कम 40 घरों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया गया और करीब 30 दुकानों में लूटपाट की गई। प्रभावित परिवार इस समय गंडाट्विजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शरण लिए हुए हैं। 12 जुलाई की रात हुई हिंसा में चार मोटरसाइकिल को भी आग के हवाले कर दिया गया। गंडाट्विजा में हालात में सुधार हुआ है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।"
बाजार में दो गुटों के बीच हुई झड़प
उन्होंने बताया कि आगजनी से प्रभावित करीब 80 परिवारों को मुआवजा देने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के नेतृत्व में टीम स्थानीय समिति के सदस्यों से बातचीत कर रही है, ताकि बाजार को दोबारा खोला जा सके। अधिकारियों के मुताबिक, 7 जुलाई को स्थानीय बाजार में दो गुटों के बीच हुई झड़प के कारण ग्रामीणों पर हमला किया गया। घटना में गंभीर रूप से घायल छात्र परमेश्वर रियांग का अगरतला के जीबीपी अस्पताल में इलाज किया जा रहा था, जिसकी 12 जुलाई को मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि युवक की मौत के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। (इनपुट- भाषा)
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