मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता और केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के.शैलजा ने रेमन मैगसेसे पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है, क्योंकि फिलीपीन के दिवंगत राष्ट्रपति कम्युनिस्टों के खिलाफ कथित क्रूरता के लिए जाने जाते थे। माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य शैलजा ने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से सलाह-मशविरा करने के बाद यह फैसला किया। शैलजा ने केरल में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने इस पुरस्कार को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर इसे प्राप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
क्यों नहीं लिया रेमन मैगसेसे पुरस्कार
वहीं, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह पुरस्कार रेमन मैगसेसे के नाम पर है, जिनका फिलीपीन में कम्युनिस्टों को कथित तौर पर कुचलने का इतिहास रहा है। केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्हें उस काम के लिए पुरस्कार देने के लिए विचार किया गया, जो वास्तव में सामूहिक प्रयास था और उनके द्वारा इसे (पुरस्कार) व्यक्तिगत तौर पर प्राप्त करना सही नहीं है। रविवार को कुछ मीडिया संस्थानों ने खबर दी कि शैलजा ने पार्टी के साथ विचार-विमर्श के बाद पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है।
"व्यक्तिगत रूप से प्राप्त करने में दिलचस्पी नहीं"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता शैलजा ने कहा, ‘‘शायद गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कम्युनिस्ट विचारधारा के पक्ष में नहीं हों। इसलिए यह सही नहीं था कि मैं इसे एक व्यक्ति के रूप में प्राप्त करती क्योंकि मुझे यह उस चीज के लिए मिल रहा था, जो वास्तव में एक सामूहिक प्रयास था। इसलिए, मैंने पुरस्कार स्वीकार नहीं करने का फैसला किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और विनम्रतापूर्वक यह कहते हुए पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया कि मुझे इसे व्यक्तिगत रूप से प्राप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।’’ येचुरी ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि यह पुरस्कार केरल में सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रबंधन के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह केरल में एलडीएफ सरकार और स्वास्थ्य विभाग का सामूहिक प्रयास है। इसलिए, यह कोई व्यक्तिगत प्रयास नहीं है।’’
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