Covid Vaccination: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोविड-19 वैक्सीनेशन के तहत खुराकों का आंकड़ा शनिवार को 197 करोड़ की संख्या को पार कर गया। मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को शाम सात बजे तक 11 लाख से ज्यादा टीके लगाए गए। दैनिक टीकाकरण के आज के अंतिम आंकड़े देर रात तक मिलने के बाद खुराकों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार के दिन शाम सात बजे तक 18-59 वर्ष की आयु के लोगों को कोविड रोधी टीके की कुल 1,70,163 एहतियाती खुराक दी गईं जिससे इस आयु वर्ग को दी गईं कुल एहतियाती खुराक की संख्या अब 48,78,655 हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि अब तक 12-14 आयु वर्ग के 3.63 करोड़ से अधिक बच्चों और 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के 6.03 करोड़ से अधिक किशोरों को पहली खुराक दी जा चुकी है।
भारत में 42 लाख, तो अमेरिका में 19 लाख मौतें टल गईं
तबसे लेकर पूरे 2021 तक अगले 12 से ज्यादा महीने में दुनिया में 4.3 अरब लोगों ने वैक्सीन की डोज ली। वॉटसन ने कहा, ‘टीके नहीं होने पर खतरनाक नतीजे होते। निष्कर्ष यह बताते हैं कि अगर हमारे पास ये टीके नहीं होते तो महामारी कितनी बदतर हो सकती थी।’ रिसर्चर्स ने 185 देशों के आंकड़ों का इस्तेमाल करके अनुमान लगाया कि वैक्सीन की वजह से भारत में कोरोना से 42 लाख मौतों को रोका जा सका। वहीं, टीकों ने अमेरिका में 19 लाख, ब्राजील में 10 लाख, फ्रांस में 6.31 लाख और ब्रिटेन में 5.07 लाख लोगों की जान बचाई।
कोरोना वैक्सीन से पहले साल में टलीं 2 करोड़ मौतें
मॉडल बेस्ड स्टडी का नेतृत्व करने वाले इम्पीरियल कॉलेज, लंदन के ओलिवर वॉटसन ने कहा कि वैक्सीन की सप्लाई में लगातार असमानता देखने को मिली, इसके बावजूद बड़े पैमाने पर मौतों को रोका जा सका। स्टडी के मुताबिक, कोरोना के विभिन्न टीकों ने पहले साल के दौरान करीब 2 करोड़ लोगों की जान बचाई लेकिन अगर इनकी समय से सप्लाई हो जाती तो इससे भी ज्यादा मौतों को रोका जा सकता था। इंग्लैंड में 8 दिसंबर 2020 को एक रिटायर्ड कर्मचारी को पहली डोज दी गई थी, जिसके बाद वैश्विक टीकाकरण अभियान (Global Vaccination Campaign) शुरू हुआ।
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