चीन समेत कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर केंद्र अलर्ट, स्वास्थ्य मंत्री ने बुलाई बड़ी बैठक
राज्यों को अलर्ट रहने का निर्देश देने के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आज हालात की समीक्षा के लिए अफसरों और विशेषज्ञों के साथ एक बड़ी बैठक करनेवाले हैं।
नई दिल्ली : चीन समेत दुनिया के अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। केंद्र ने राज्यों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया कोरोना के हालात की समीक्षा के लिए अफसरों और विशेषज्ञों के साथ एक बड़ी बैठक करनेवाले हैं। इस दौरान कोरोना की गाइडलाइन पालन को लेकर फिर से यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं। खासतौर से हवाई यात्रियों, रेल व बस यात्रियों के लिए मास्क, सैनेटाइजर और कोविड की गाइडलाइन का पालन अनिवार्य किया जा सकता है।
जीनोम सिक्वेंसिंग की बढ़ाई जाएगी रफ्तार
इस बीच, मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से वायरस के नए वैरिएंट पर नजर रखने के लिए संक्रमित लोगों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग को बढ़ाने का आग्रह किया। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखी चिट्ठी में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इस तरह की कवायद से देश में वायरस के नए वैरिएंट का समय पर पता लग सकेगा और जरूरी स्वास्थ्य उपायों को सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने उल्लेख किया कि जांच-निगरानी-उपचार-टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने के साथ भारत कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को सीमित करने में सक्षम रहा है और साप्ताहिक आधार पर लगभग 1,200 मामले सामने आ रहे हैं।
दुनिया में हर सप्ताह 35 लाख मामले
भूषण ने कहा कि कोविड-19 की सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती अभी भी दुनिया भर में बनी हुई है, जिसके लगभग 35 लाख मामले साप्ताहिक रूप से सामने आ रहे हैं। भूषण ने कहा, ‘जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में अचानक आई तेजी को देखते हुए, भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के माध्यम से वायरस के वैरिएंट पर नजर रखने के लिए संक्रमण के मामलों के नमूनों का पूरा जीनोम सिक्वेंस तैयार करना आवश्यक है।’
चीन में मचा हाहाकार
उधर, चीन में कोविड के मामलों में तेजी से हाहाकार मचा हुआ है। जीरो कोविड पॉलिसी में दी गई ढील को इस हाहाकार के पीछे की वजह बताया जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैलाब आ गया है। यहां मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहे हैं। कुछ डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ICU बेड की कमी होने लगी है और दवाई की दुकानों में लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं।