दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स ने कोरोना वायरस से पीड़ित वयस्क नागरिकों के लिए संशोधित क्लीनिकल गाइडलाइंस जारी की हैं। नेशनल टास्क फोर्स के मुताबिक एंटी वायरस की दवाओं के प्रयोग को लेकर, संशोधित गाइडलाइंस में लोपिनाविर-रिटोनाविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू), इवरमेक्टिन, मोलनुपिराविर, फेविपिराविर, एजिथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन जैसी दवाओं का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। कोविड-19 पर राष्ट्रीय निगरानी समूह ने वयस्क कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग न करने की सलाह दी है।
Image Source : File Photoकोरोना के बढ़ते मामले
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) विनोद पॉल की अध्यक्षता वाले नेशनल टास्क फोर्स में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अधिकारी शामिल हैं। टास्क फोर्स ने वयस्क रोगियों के इलाज के लिए क्लीनिकल गाइडलाइंस प्रोटोकॉल को संशोधित करने के लिए 5 जनवरी को आखिरी बार बैठक की थी।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा, एटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जाना चाहिए, जब तक जीवाणु संक्रमण (बैक्टीरियल इन्फेक्शन) का क्लीनिकल संदेह न हो। कोविड-19 का अन्य स्थानिक संक्रमणों के साथ सह-संक्रमण की संभावना पर भी विचार किया जाना चाहिए। हल्की बीमारी के दौरान सिस्टमिक और कॉर्टिको स्टेरॉयड देने की सलाह नहीं दी जाती है।
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