लोगों की लापरवाही दे रही 'लॉकडाउन' को न्योता, तीसरी लहर का खतरा!
देश भर में कोरोना के नए वेरिएंट की रफ्तार तेज होती नजर आ रही है, ऐसे में ओमिक्रॉन की वजह से लोगों के मन में सवाल उठ रहा है, कि क्या तीसरी लहर आने वाली है।
आशीष कुमार शुक्ला।
कोरोना, कोरोना, कोरोना। यही वो वायरस है जो हमारे आस-पास घूम रहा है। हर बार नया शिकार ढूंढ रहा है। ना मालूम कौन सी दुश्मनी है इस दुनिया से इसकी छोड़कर जाना ही नहीं चाहता। आज जर्मन शासक एडोल्फ़ हिटलर होते तो वो भी उन लोगों को देखकर अपना माथा फोड़ लेते, जो कोरोना को 'होगा कोरोना' समझते हैं। हिटलर ने एक बार तंबाकू और सिगरेट पीने वालों के लिए आदेश निकाला था, कि कोई भी तंबाकू-सिगरेट का सेवन नहीं करेगा और पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। आज अगर हिटलर होते और उनकी चलती तो जरूर लापरवाह लोगों के लिए एक आदेश जारी करते कि मास्क चुनो या फिर मौत।
हमारे यहां लोगों को आदत हो चुकी है लापरवाही की। जैसे आमतौर पर लोगों को खैनी, पान-गुटखा और हुक्का-बीड़ी की होती है। तभी तो कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को न्योता दे रहे हैं, लेकिन क्या किया जाए कुछ दर्द इनके भी हैं। दर्द है बाहर नहीं निकलने का। दर्द है बीच पर मस्ती नहीं करने का। समंदर में गोते नहीं लगाने का। पहाड़ों पर शामें नहीं बिताने का। 2020 के शुरुआत में जब कोरोना की भारत में एंट्री हई तब लोगों को लगा कि जल्द ये चला जाएगा, लेकिन हुआ उल्टा। लोग लापरवाही करते गए और कोरोना फलता-फूलता गया। जितनी महामारी आज तक आई हैं दो राय नहीं कि कोरोना ने सबसे ज्यादा परेशान किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोरोना अब हमेशा हमारे बीच रहेगा?
तो भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है?
देश भर में कोरोना के नए वेरिएंट की रफ्तार तेज होती नजर आ रही है, ऐसे में ओमिक्रॉन की वजह से लोगों के मन में सवाल उठ रहा है, कि क्या तीसरी लहर आने वाली है। बता दें कि दिल्ली-महाराष्ट्र जैसे शहरों में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट के ज्यादा मामले इन्हीं राज्यों से आ रहे हैं। देश के कई राज्यों से ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज लगातार मिल रहे हैं। ओमिक्रॉन को लेकर राज्य सरकारें अलर्ट हो गयी हैं। एहतियात के तौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा जैसे राज्यों ने फिर से नाइट कर्फ़्यू लगा दिया है। इसके अलावा कई अन्य राज्यों ने क्रिसमस और नए साल को लेकर गाइडलाइंस भी जारी कर दी है।
कोरोना जैसे-जैसे रूप बदल रहा है, लोग इसे लेकर उतने ही लापरवाह होते दिख रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही कह चुका है कि इस वेरिएंट को हल्के में नहीं लेना है, नहीं तो अंजाम भुगतने होंगे। डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। विश्व के करीब 100 देश इसकी चपेट में आ चुके हैं, बावजूद इसके लोग सतर्क होने की बजाय और लापरवाह हो गए हैं। कुछ इस तरह की लापरवाही लोग कर रहे हैं। जैसे- मेट्रो में चढ़ते ही मास्क को नीचे कर लेना। ट्रेन में सफर करते हुए मास्क पहनने को गंभीरता से नहीं लेना। थोड़ी सी भीड़ कम दिखी मास्क को गले के पास लटका लेना।
देश में जब कोरोना ने दस्तक दी थी तब लोगों ने इसे हल्के में लिया था और अंजाम भुगतना पड़ा। इस समय ब्रिटेन में रोजाना 1 लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं, इनमें करीब 10 हजार से ज्यादा मामले ओमिक्रॉन के हैं। नजीता ये निकल रहा है कि कोरोना की लहर को देखते हुए ब्रिटेन में 2 हफ्तों के लॉकडाउन पर विचार किया जा रहा है। यही नहीं फ्रांस जैसे मजबूत देश कोरोना की पांचवी लहर की चपेट में आ चुके हैं और अब अमेरिका में भी पांचवी लहर की आशंका जताई जा रही है। भारत पहले ही कोरोना की 2 लहरों का दंश झेल चुका है, ऐसे में अगर लापरवाही की गई तो वो दिन दूर नहीं, जब लोगों को फिर से घरों में कैद होना पड़ेगा और तीसरी लहर में हजारों लोगों की जान जाएगी।
इस बार का हैप्पी न्यू ईयर घर पर
भारत में फिलहाल कोरोना की स्थिति नियंत्रित है, लेकिन हमें दुनिया के हालात को देखते हुए सतर्क रहना है। नया साल आने वाला है। अभी से लोग भारी संख्या में खरीदारी और घूमने के लिए बाहर निकल रहे हैं। दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। सवाल उठता है कि क्या जान से ज्यादा जरूरी हो गयी है खरीदारी? ध्यान रहे आपकी एक छोटी सी लापरवाही ना सिर्फ आपकी जान ले सकती है बल्कि पूरे परिवार को संकट में डाल सकती है। आप बच्चे के लिए खरीदने तो खिलौना जाएंगे, लेकिन वापसी में उसे दे देंगे कोरोना।
एक बात दिमाग में बिठा लेना है कि कोरोना से अगर कोई बचा सकता है, तो वो खुद आप हैं। दो साल तक जिस तरह से संयम रखा है उसका ही नतीजा है कि तीसरी लहर अब तक नहीं आई है। ऐसे में आपको फिर एक बार खुद को समझाना है और अपने परिवार को कोरोना से बचाना है। लेख लिखे जाने तक देश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर से 4 लाख 79 हजार 133 लोगों की मौत हो चुकी है। मौत का ये आंकड़ा रोज बढ़ता जा रहा है। ध्यान रखना है नए साल पर कोई गलती नहीं करनी है और पूरा संयम दिखाना है। अगर वैक्सीन नहीं लगवाई है तो वैक्सीन की डोज लेनी है और आस-पास के लोगों की भी मदद करनी है। इस महामारी को सबके सहयोग से ही हराया जा सकता है।